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इस स्वायत्तता से क्या होगा -- रोहित कौशिक

हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू, बीएचयू, एएमयू समेत देश के बासठ उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इक्कीस राज्य विश्वविद्यालयों, चौबीस डीम्ड विश्वविद्यालयों तथा दो निजी विश्वविद्यालयों को अपने फैसले लेने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सरकार का दावा है कि इन संस्थानों की शैक्षिक गुणवत्ता बनाए रखने के...

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विज्ञान के लिए राष्ट्रीय नीति की जरूरत

हाल में विज्ञान के सबसे बड़े सालाना सम्मेलन- भारतीय विज्ञान कांग्रेस का इंफल में उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक आम लोगों के फायदे के लिए अनुसंधान करें और वैज्ञानिक उपलब्धियों को समाज तक पहुंचाएं। इससे युवाओं में वैज्ञानिक चेतना जाग्रत होगी और शोध-अनुसंधान का माहौल भी बनेगा। असल में पिछले एक सौ चार सालों से चल रहे विज्ञान कांग्रेस के इस आयोजन का भी मुख्य...

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शिक्षा, शिक्षक और समाज--- कारुलाल जमड़ा

पिछले दिनों एक समाचार के शीर्षक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया- ‘देशमें डेढ़ लाख शिक्षक स्कूल नहीं जाते!' इस समाचार के चलते शिक्षकों की साख पर बट्टा लगा। यह अलग बात है कि कुछ समय पहले, शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित एक एनजीओ ने अपनी विस्तृत शोध-रिपोर्ट में इसके ठीक विपरीत स्थिति बयान की थी और शिक्षकों की अनुपस्थिति का कारण उनका शैक्षणिक काम से ही अन्यत्र जाना बताया...

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शिक्षा सुधार की बुनियाद--- जगमोहन सिंह राजपूत

पिछले दो साल से देश की नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले शिक्षा नीति 1968, 1986 और 1992 में पुनर्निर्धारित हुई थी। बड़े परिवर्तन आवश्यक थे, और हुए भी, मगर जो अपेक्षाएं नीतिगत स्तर पर की गर्इं, वे कभी पूरी नहीं हो सकीं। धीरे-धीरे शिक्षा केवल परीक्षा-आधारित कष्टप्रद बोझ बन गई। बोर्ड परीक्षा के अंक-प्रतिशत ही एकमात्र लक्ष्य बन कर रह गए। कक्षाओं तथा स्कूलों...

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शिक्षा के 'उद्योग' में फीस नियंत्रण की रस्म अदायगी!

देशभर में आए दिन सामने आने वाले विवादों-मुद्दों में कम ही ऐसा होता है, जिस पर सभी एकमत हों! अपवाद का ऐसा ही एक आधार है-निजी स्कूलों की बेलगाम फीस। सभी एकमत हैं कि फीस बहुत ज्यादा है और इस पर नियंत्रण होना ही चाहिए। निजी स्कूलों की स्थिति समझने के लिए सबसे पहले कुछ संदर्भ। वर्ष 2010-11 से 2015-16 के बीच 20 राज्यों के सरकारी स्कूलों में 1 करोड़...

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