SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 224

जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है भारत जैसे देशों में छोटी दूरी के लिए होने वाला प्रवास

डाउन टू अर्थ, 15 मार्च प्रवास को लेकर आम धारणा यह रही है कि ज्यादातर मामलों में लोग इसके लिए एक देश से दूसरे देश या फिर लम्बी यात्रा करते हैं। हालांकि यह सच नहीं है, दुनिया में ज्यादातर प्रवास छोटी दूरी के होते हैं। इस बारे में एक नए अध्ययन से पता चला है कि छोटे दूरी के लिए किए यह प्रवास जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से भी काफी मायने रखते...

More »

जलवायु संकट: कई भारतीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बना समुद्र का बढ़ता जलस्तर

डाउन टू अर्थ , 13 मार्च जलवायु में आते बदलावों के चलते जिस तरह समुद्र के जलस्तर में वृद्धि हो रही है वो भारत के कई बड़े शहरों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे में इस आपदा से बचने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। इस बारे में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते सदी के अंत तक चेन्नई...

More »

सांभर झील में अधिक बारिश और अवैध नमक खनन के कारण 2019 में कैसे बड़े पैमाने पर पक्षियों की हुई मौत

दिप्रिंट,  10 मार्च राजस्थान में 2019 में एवियन की मृत्यु के चार साल बाद – जहां नवंबर में बड़े पैमाने पर एवियन बोटुलिज़्म के कारण सांभर साल्ट लेक में लगभग 23,000 पक्षियों की मौत हो गई थी वहां वैज्ञानिकों ने पाया है कि अत्यधिक वर्षा के कारण जहरीले बैक्टीरिया में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसने उन्हें मार डाला. यह भारत में एवियन बोटुलिज़्म के कारण पहली दर्ज की गई सामूहिक मृत्यु दर घटना...

More »

बेमौसमी बढ़ती गर्मी से फसलों को बचा सकता है बायोचार, वैज्ञानिकों ने बताया तरीका

डाउन टू अर्थ, 24 फरवरी  वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘बायोचार’ सदियों से लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक पारंपरिक कृषि पद्धति रही है। कृषि और पेड़ों का कचरा जैसे कार्बनिक पदार्थों को जलाने से बना चारकोल जैसे पदार्थ को बायोचार कहते हैं। वैज्ञानिकों ने जलवायु-स्मार्ट कृषि (सीएसए) अभ्यास के रूप में इसकी क्षमता का विश्लेषण करने के लिए बायोचार पर दुनिया भर के लगभग 600 अध्ययनों में व्याप्त आंकड़ों को...

More »

बजट 2023: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे कम मनरेगा आवंटन

द वायर, 1 फरवरी बुधवार को पेश किए गए इस साल के बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटन में आश्चर्यजनक रूप से भारी कमी करते हुए इसे 60,000 करोड़ रुपये किया गया. ऐसा इस तथ्य के बावजूद है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए संशोधित अनुमान 89,400 करोड़ रुपये था, जो 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक था. नरेंद्र मोदी सरकार के इस...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close