भ्रष्टाचार भारत में बातचीत का एक पसंदीदा विषय है. इस पर चर्चा करना हम पसंद करते हैं और इसकी सभी विकृतियों का रोना रोते हैं. हमें इसमें महारत हासिल है और हम सभी ने किसी न किसी रूप में इसे अनुभव किया है. यह किसी एक सहज परिभाषा को नकारता है, लेकिन यह है क्या, हम सभी समझते हैं. अश्लीलता के संदर्भ में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पॉटर स्टिवर्ट...
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सरकार संसद में पहले भी सुरक्षित थी
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. सरकार संसद में पहले भी सुरक्षित थी, अब और भी आश्वस्त हो गयी. विपक्ष भी सरकार पर कुछ छींटाकशी कर खुश हो गया. गले से कहने में जो कसर रह गयी, वह गले लगकर पूरी की गयी. सत्ताधारी मोर्चे में कुछ टूट-फूट होने से विपक्ष भी आश्वस्त है. मीडिया को भी मसाला मिल गया- मोदी जी और राहुल गांधी के गले पड़ने की फोटो...
More »बर्बरता पर रोक लगाना जरूरी-- पवन के वर्मा
कभी-कभी मैं महसूस करता हूं कि गणतंत्र में जो कुछ बिल्कुल ही अस्वीकार्य है, वह अब सामान्य-सा होता जा रहा है. जब पहली बार पशु व्यवसायियों पर हमले हुए, तो वे समाचार बने, मगर यह इतनी दफा होने लगा कि शुरुआती सदमा समाप्त हो चला है. इन वारदातों की खबरें और टिप्पणियां अब चलताऊ किस्म की होती हैं. यदि हम यह यकीन करते हैं कि भारत विश्व का सबसे बड़ा...
More »रोजगार और सामाजिक सुरक्षा-- अनुज लुगुन
मई दिवस का सप्ताह श्रमिकों के संघर्ष के इतिहास, उनके अधिकार और भविष्य में उनकी स्थिति के विश्लेषण, बहस और नारेबाजी का सप्ताह बन जाता है. ‘दुनिया के मजदूरों एक हो' के बुलंद नारों के साथ यह धीरे-धीरे अगले मई दिवस तक के लिए गुम हो जाता है. श्रम और उसके मूल्य का संबंध मानव समाज के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है. विभिन्न समय में यह अलग-अलग रूपों...
More »मानव तस्करी को रोकना जरूरी-- क्रेग एल हॉल
क्तियों की तस्करी, जिसे मानव तस्करी या आधुनिक गुलामी के रूप में भी जाना जाता है, एक छिपा हुआ अपराध है, जो किसी सीमा का लिहाज नहीं करता और दुनियाभर के देशों में सभी पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित करता है. भारत और अमेरिका ने व्यक्तियों, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को प्रतिबंधित, दमित और दंडित करने के प्रोटोकॉल को, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के...
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