हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में पहले पन्ने पर छपी एक तस्वीर ने मेरा ध्यान खींचा। उसमें अगरतला में एक इंटरनेट गेटवे के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को त्रिपुरा के कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री माणिक सरकार के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाते दिखाया गया था। इस तस्वीर के साथ अखबार हमें सूचित कर रहा था कि अपराध-नियंत्रण के मामले में त्रिपुरा का रिकॉर्ड लाजवाब रहा...
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कितना काला है काला धन?- प्रीतीश नंदी
आखिरकार कोई तो बुद्धिमानी से बोला। अब तक तो हमने काले धन को लेकर हर किसी को आक्रोश व्यक्त करते हुए ही देखा, लेकिन किसी ने व्यावहारिक समाधान नहीं सुझाया। बोफोर्स घोटाले से इसकी शुरुआत हुई थी और उसके कारण राजीव सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। फिर तो हर किसी को यह समझ में आ गया कि काला धन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की प्रतिष्ठा को खत्म करने का एकदम...
More »दुनिया एक और महामंदी की ओर? - परंजॉय गुहा ठाकुरता
क्या 1930 की महामंदी के बाद दुनिया एक और महामंदी की ओर बढ़ रही है? क्या हम यह मान लें कि वर्ष 2008 की मंदी इस महामंदी का शुरुआती दौर भर थी? दुनिया ग्रीस त्रासदी पर टकटकी लगाए हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन कहते हैं कि 1930 जैसी महामंदी के हालात फिर से निर्मित हो सकते हैं। अलबत्ता इसके एक दिन बाद ही आरबीआई द्वारा सफाई...
More »सौ फीसदी कट-ऑफ मार्क्स! हद है... - प्रेमपाल शर्मा
पिछले कुछ वर्षों से पूरा देश सुन रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की ऊंची कट-ऑफ के बारे में। हर वर्ष ऊंची होती कट-ऑफ अब शत प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। पहले एक-दो कॉलेज में कट-ऑफ 100 के करीब रहती थी, अब कई कॉलेजों में हो गई है। मान भी लें अच्छी बात है - बच्चे मेहनती, मेधावी हैं तो नंबर भी अच्छे लाएंगे, लेकिन दाखिले के...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
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