जागरण ब्यूरो, भोपाल/ग्वालियर। बोनस की राशि लेने के चक्कर में सीमावर्ती राज्यों के व्यापारी भी अपना गेहूं मध्यप्रदेश की मंडियों में खपा रहे हैं। यह खेल मंडी और खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर पीडीएस का गेहूं भी इन मंडियों में बेचे जाने के मामले सामने आए हैं। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर सौ रुपये का...
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फिर जीवित होगा किसान आयोग : राजेश दुबे
भोपाल. प्रदेश में किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार ने मप्र कृषक आयोग को फिर से जीवित करने के साथ ही किसान विकास परिषद बनाने का फैसला लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान आयोग को फिर से गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि विकास परिषद के गठन पर भी सहमति जताई। यह परिषद कृषि की नई तकनीक,शोध एवं अनुसंधान पर जोर...
More »गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश
जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...
More »जहरीली मक्का पर सरकार मौन : ए. जयजीत
भोपाल. बीटी बैंगन को घातक बताकर जोरदार विरोध करने वाली राज्य सरकार ने अब ‘जहरीले’ मक्के के प्रदेश में होने वाले फील्ड ट्रायल पर चुप्पी साध ली है,जबकि केंद्र ने ट्रायल का फैसला राज्यों पर छोड़ रखा है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) मक्के के फील्ड ट्रायल से मक्के की अन्य फसलें हमेशा के लिए प्रदूषित हो सकती हैं। इसी आधार पर बिहार सरकार ने अपने यहां...
More »गोदाम अनाज से भरे फिर भी भूख से मौतें क्यों?: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. देश में भूख से मौतों के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। उसने केंद्र से पूछा है कि जब अनाज के गोदाम लबालब भरे हैं। बंपर फसल भी हुई है। फिर भी देश में भुखमरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल)की संख्या हर राज्य में केवल 36 फीसदी मानने पर भी योजना आयोग को कड़ी फटकार लगाई।...
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