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उपज का घटता भाव- संजीव झा

एक तरफ खाद-उर्वरक के बढ़ते उपयोग के चलते कृषि पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण ने कृषि योग्य भूमि के विस्तार को सीमित कर दिया। पिछली सदी के दौरान खाद्यान्न की मांग में खासी तेजी के बावजूद खाद्यान्न की कीमत में वास्तविक अर्थों में हर वर्ष 0.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। खेती की उपज को लेकर देश के साथ-साथ दुनियाभर के आंकड़ों...

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कितना जरुरी है भूमिगत जल का प्रबंधन ?

इस एक तथ्य पर गौर करें। साल 1965-66 अनाज का उत्पादन 19 फीसदी घटा जबकि साल 1987-88 में मात्र 2 फीसदी जबकि इन दोनों ही सालों में खेती सूखे की चपेट में आई। सोचिए कि ऐसा क्यों हुआ ? एफएओ द्वारा प्रकाशित स्मॉल होल्डर्स एंड सस्टेनेबल वेल्स, अ रेट्रोस्पेक्ट: पार्टीसिपेटरी ग्राऊंटवाटर मैनेजमेंट इन आंध्रप्रदेश पुस्तक का उत्तर है कि सुखाड़ की इन दो अवधियों के बीच देश में भूमिगत जलस्रोत के जरिए सिंचाई पर निर्भरता बढ़ी और इसी वजह से...

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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी

जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...

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युवा बेरोजगारी भारत के लिए संकट- रविदत्त वाजपेयी

यह एक सुखद आश्चर्य है कि शताब्दियों का इतिहास संजोये रखने के बाद, आज भी भारत को एक युवा देश माना जाता है. सबसे विस्मयकारी तथ्य यह है कि इस सौभाग्य का श्रेय भारत की उस प्रचुर जनसंख्या को दिया जाता है जिसके विशाल आकार को लंबे समय से भारत की सबसे बड़ी समस्या बताया गया था. आखिरकार भारत की इतनी बड़ी आबादी जनसंख्या आपदा से जनसंख्या संपदा में कैसे...

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मर रहे हैं मनरेगा मजदूर-ब्रजेश कुमार झा

पार्वती देवी की बात सुनकर कोई भी सन्न रह जाएगा। वह कहती है, “मनरेगा की वजह से मेरे पति की जान चली गई।” पार्वती देवी दत्ता मघादे की विधवा है। उम्र 45 साल है। गरीबी में डूबी है। इसके बावजूद आगे कहती है, “मैं जिंदगी में दोबारा मनरेगा मजदूरी नहीं करुंगी।” पार्वती देवी जो बता रही है, उससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की हकीकत बेपर्दा होती है। हालांकि,...

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