भागलपुर, जागरण संवाददाता। बिहार में महानंदा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से कटिहार के कदवा ब्लाक में पैंतीस घर नदी के कटाव की भेंट चढ़ गए। दर्जनों गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी भर गया है। फसलें डूब गई हैं। कदवा में महानंदा नदी खतरे के निशान से डेढ़ फीट ऊपर पहुंच चुकी है। बाढ़ नियंत्रण अंचल कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार कोसी के जलस्तर में...
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इन बंजारों की धरती कहां है -- शिरीष खरे
एक बार बीड़ जिले के पाथरड़ी तहसील में कहीं चोरी हुई. कई महीने बीते, मगर चोर का अतापता न चला. आष्टी तहसील से थोड़ी दूरी पर चीखली गाँव हैं. इसी गाँव के पास घूमते-फ़िरते रहवसिया नाम का पारधी परिवार आ ठहरा. बस फिर क्या था, पुलिस ने उसे ही इतनी दूर की वारदात में अंदर डाल दिया. जहाँ रहवसिया दो महीनों तक जेल में रहा, वहीं गाँव में ऊँची जाति...
More »रेतीले धोरों में दिखी नदियां
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक...
More »डूबेंगे स्कूल, तैरेगी बच्चों की पढ़ाई
मुजफ्फरपुर [जाटी]। मानसून करीब आते ही उत्तर बिहार में बाढ़ की आहट सुनाई देने लगी है। लेकिन इससे निपटने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था अब भी अधूरी है। इस बार भी बड़ी संख्या में न सिर्फ स्कूल बंद होंगे बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी ठप होगी। मुजफ्फरपुर और दरभंगा को छोड़कर कहीं भी वैकल्पिक स्कूल खोलने की कवायद नहीं हो रही है। मधुबनी में तो प्रशासनिक कारनामा और भी चौंकाने वाला है। यहां बाढ़ के दौरान चूंकि...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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