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जलवायु परिवर्तन से खतरे में इंसान --- डॉ गोपाल कृष्ण

जलवायु परिवर्तन की समस्या अब मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा संकट बन चुकी है. दुनियाभर में करोड़ों लोग बीमारियों के शिकार हैं, फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर हो रहा है और आम जन-जीवन में कई तरह की एलर्जी की अवधि बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद विभिन्न देशों ने इस चुनौती को लेकर लापरवाही का ही नहीं, बल्कि इसे नकारने तक की प्रवृत्ति अपनायी हुई है. संयुक्त...

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एनिमिया से बचाएगी गेहूं की नई किस्म पूसा बीट 8777

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) इंदौर ने गेहूं की नई वैरायटी ईजाद की है। इसे प्रमाणित करने के लिए सेंट्रल वैरायटी रिलीज कमेटी (सीवीआरसी) में जमा किया गया है। इसे किसानों तक पहुंचने में लगभग एक साल लगेगा। इसकी विशेषता है कि इसमें बीटा कैरोटीन, आयरन, जिंक व प्रोटीन भरपूर मात्रा में है, जो एनिमिया से बचाने के साथ मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।   आईएआरआई के...

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ऑटोमेशन से बदलेगी भारत में खेती की तस्वीर

विकसित देशों के मुकाबले भारत में अधिकतर फसलों की पैदावार प्रति एकड़ काफी कम है. इसका एक बड़ा कारण खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल अब तक बहुत कम होना है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कृषि क्षेत्र में यदि आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाये, तो फसलों की पैदावार में व्यापक पैमाने पर बढ़ोतरी हो सकती है. सेंसर, अॉटोमेशन और इंजीनियरिंग की अनेक विधाओं का इस्तेमाल करते...

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बेरोजगारी का दंश, जाति के तर्क--- ए. श्रीनिवासन

बीते शनिवार को मशहूर दलित लेखक और एक्टिविस्ट कांचा इलैया को हैदराबाद के उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। आंध्र और तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षात्मक वजहों से यह नजरबंदी की, ताकि इलैया को अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर विजयवाड़ा में भाषण देने जाने से रोका जा सके। अपने लेखन से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए कांचा इलैया को जान से मारने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इलैया...

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मातृभाषा से संवरेगा शिक्षा का स्वरूप - एम. वेंकैया नायडू

भाषा समाज की आत्मा और मानवीय अस्तित्व को एक सूत्र में पिरोने वाला धागा है। यह चिरकाल से ही विचारों और भावों की अभिव्यक्ति का माध्यम रही है। शब्द मानवता के विश्व-दर्शन को निर्धारित करते हैं। हम शब्दों को अर्थों या उन विचारों से अलग नहीं कर सकते, जिन्हें हम दूसरों तक पहुंचाना चाहते हैं। शायद इसीलिए भारत के सुविख्यात महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी काव्यकृति 'रघुवंशम का आरंभ ही...

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