अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट से दलहन और खाद्य तेलों का आयात महंगा हो गया है। दालों की थोक कीमतों में पिछले दस दिनों में जहां 300 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है, वहीं आयातित खाद्य तेलों के दाम सप्ताहभर में ही 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़े गए हैं। ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस. नादर ने बताया कि डॉलर...
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महंगाई को अभी और आसमान चढ़ना है!
विश्वस्तर पर खाद्य-पदार्थ की कीमतों के मामले में मुद्रास्फीति के घटने के रुझान हैं। बहरहाल, आशंका यह है कि भारत के मामले में यह बात लागू ना हो पाये क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर रही है।एफएओ ने हाल ही में खाद्य-पदार्थों की कीमतों से संबंधित अपना सूचकांक जारी किया है। इससे जाहिर होता है कि जुलाई महीने में भी विश्वस्तर पर कीमतों की मुद्रास्फीति में कमी हुई...
More »प्याज अभी और रुलायेगा
कोलकाता: राज्य सरकार ने सब्जियों की कीमत नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है, लेकिन यह टास्क फोर्स वास्तव में कितना कारगर सिद्ध हुआ है, इसका नजारा बाजार में जाने से ही चल जाता है. सब्जियों की कीमत जिस प्रकार से बढ़ रही है, वैसे में अब आम जनता सूखी रोटी व सूखा चावल खाने के लिए मजबूर है. सब्जियों में जब तक प्याज का जायका ना...
More »चाइनीज राखियों से तबाह हो रहा घरेलू कुटीर उद्योग
आयातित राखियों से सरकार को खास आमदनी नहीं हो रही है, क्योंकि एक कंटेनर माल को दिखाया जाता है महज कुछ सौ डॉलर का अगर सही इम्पोर्ट ड्यूटी व टैक्स चुकाया जाए तो चीन की राखियां काफी महंगी पड़ेंगी, लेकिन ये मंगवाई जाती हैं अंडर इनवाइस पर राखी का कोई स्पेसिफिक रेट नहीं, इसलिए कस्टम वाले भी कुछ नहीं कर सकते हैं इस बार आप जब राखी खरीदने बाजार जाएंगे तो कुछ ज्यादा...
More »405 करोड़ का धान लिया, नहीं दिया चावल
पटना: राइस मिल मालिकों ने राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) को 405 करोड़ से अधिक राशि के धान से चावल तैयार कर नहीं लौटाया है. 2011-12 में किसानों से धान खरीद कर 1091 मिल मालिकों को चावल तैयार करने के लिए दिया गया था. इन्हें 100 क्विंटल धान के बदले 67 क्विंटल चावल (67 प्रतिशत) तैयार कर देना था. मिल मालिकों ने धान तो ले लिया, लेकिन 28 लाख 42 हजार 355 क्विंटल...
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