पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों...
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रेप से नहीं बच सकती, इसलिए बच्चेदानी निकलवाने को मजबूर हैं महिलाएं
मुंबई। महाराष्ट्र में गन्ने की कटाई के लिए जाने वाली गरीव महिलाएं हर साल बलात्कार का दंश झेलती हैं। खेतों के मालिक, बिचौलिए और दबंग तक सभी उनको अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं ऐसे में महिलाएं शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती हैं। वे हर साल कई-कई बार इस हैवानियत का सामना करती हैं। इस कुचक्र को तोड़ पाने में असफल घर...
More »बेटी ने बाहर नौकरी की, उप सरपंच का परिवार समाज से बहिष्कृत
देवेंद्र अग्रवाल। निवास (मंडला) ब्यूरो। आदिवासी समाज में शिक्षा का उजाला आर्थिक स्थिति को तो मजबूत बना रहा है लेकिन अंधविश्वास और रूढ़िवादी मान्यताएं अब भी जड़ से समाप्त नहीं की जा सकी हैं। इसका उदाहरण मंडला जिले की निवासी तहसील का अमदरी गांव है। जहां एक आदिवासी परिवार की पढ़ी-लिखी बेटी ने जब गांव से बाहर निकल कर अपना भविष्य संवारने की कोशिश की तो समाज ने पूरे परिवार...
More »ड्रग मार्केट में कंपटीशन बढ़ाइए-- डा. भरत झुनझुनवाला
यूपीए सरकार द्वारा लगभग 400 दवाओं के दाम तय कर दिये गये थे. वर्तमान एनडीए सरकार ने 450 और दवाओं के दाम निर्धारित कर दिये हैं. 350 और दवाओं के दाम निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार का यह कदम सही दिशा में है. दवाओं के बाजार के दो हिस्से हैं. पहला हिस्सा जेनेरिक दवाओं का है. अकसर दवाओं में एक केमिकल होता है. दवा को इस केमिकल के...
More »महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेंगे बैंक
बैंकों के जरिये "राजनीति" करना कोई मोदी सरकार से सीखे। पहले हर घर में एक बैंक खाता और उसके बाद छोटे उद्यमियों को कर्ज देने की स्कीम लागू करने के बाद बैंकों के माध्यम से सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है। देश में महिला उद्यमियों की संख्या काफी कम होने और देश के कुल कर्जदारों में महिलाओं की बेहद कम संख्या को देखते...
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