हापुस आमों का व्यापार मुख्यत: नवी मुंबई के वाशी स्थित कृषि उत्पाद बाजार समिति में होता है। बुधवार से ही बाज़ार के अंदर तथा बाहर कोंकण से आए हापुस आमों से लदे ट्रकों की लंबी कतारें लगी हैं। व्यापारी और किसान ट्रकों से आम उतरवाने में लगे हैं। जैसे-जैसे गरमी बढ़ रही है, वैसे-वैसे उत्पादकों के बीच आम की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ रही है। हर किसान जल्द से जल्द...
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प्रांतीय गौरव पर सबका हक- रामचंद्र गुहा
कुछ समय पहले कोलकाता के एक अखबार में छपे अपने लेख में मैंने यह तर्क दिया था कि कन्नड़ लेखक, अभिनेता, नर्तक, समाज सुधारक और पर्यावरणविद् शिवराम कारंथ देश की उतनी ही महान शख्सियत थे, जैसे रवींद्रनाथ टैगोर। मैं उनसे मिल चुका हूं। उन्होंने जो कुछ लिखा, उनका तर्जुमा मैंने पढ़ा है। इसके अलावा उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का भी मुझ पर खासा असर रहा है। गिरीश कर्नाड से लेकर यू.आर.अनंतमूर्ति, गिरीश...
More »गुजरात को पीछे छोड़कर तमिलनाडु बना नंबर 1
चुनावी माहौल में राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के हर दांव खेल रहे हैं। इसके तहत भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विकास पुरुष की छवि को मजबूत करने के लिए यह दावा किया है कि उनके राज्य गुजरात में छोटे और मझोले उपक्रमों की संख्या 85 फीसदी की दर से बढ़ रही है। जबकि, बनारस में उनको चुनौती देने वाले आम आदमी पार्टी...
More »75000 करोड़ काला धन चुनावों में खर्च
नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव के छठे चरण के करीब पहुंचने के बीच एक नयी अध्ययन रिपोर्ट जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि पिछले पांच सालों में देश में हुए विभिन्न चुनावों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च किया गया. इसमें से आधे से अधिक धन (75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा) ‘बेहिसाब स्नेतों’ से आया था. सेंटर फॉर मीडिया (सीएमएस) द्वारा कराया गया यह...
More »21वीं सदी में गांव की उम्मीद की डोर
रांची जिले के बुढ़मू में मनरेगा की एक योजना के तहत कुआं निर्माण का कार्य करती युवतियां इस बात का प्रमाण हैं कि 21वीं सदी में गांव को ऐसे कानून व कार्यक्रम मिले हैं, जिनसे उनका पलायन रुके व उन्हें घर पर ही रोजी-रोटी मिले. इस तरह के और भी कई कार्यक्रम व कानून हैं, जिससे गांवों की सूरत पिछली सदी की तुलना में काफी बदल गयी है. हालांकि इनके...
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