रोहतक [ओपी वशिष्ठ]। यूं तो मुर्रा नस्ल की भैंस के कायल पूरी दुनिया में हैं पर आंध्र प्रदेश के एक सरपंच ने इस प्रसिद्ध नस्ल की भैंस को मर्सिडीज कार से भी महंगी कीमत पर खरीदकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया। हरियाणा के किसान ने उन्हें 25 लाख रुपये में यह भैंस बेची। प्रदेश में अब तक किसी भी भैंस की इतनी कीमत नहीं लगी थी। इसकी खासियत है कि...
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जब भूख लगती है शहर को..
गरीबी पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों ने थाली की कीमत को बहस के केंद्र में ला दिया है. देशभर में चल रही इस गरमागरम बहस के बीच हमने खोज की उस थाली की जिसे किसी शहर की भूख मिटाने वाला कहा जा सकता है. प्रचलित अर्थो में इस थाली को भले ही दोपहर का खाना न कहा जाये, लेकिन आज ये किसी शहर की पहचान से जुड़ गयी हैं....
More »लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
More »गरीबी रेखा या भुखमरी की रेखा- अनिन्दो बनर्जी
देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
More »एक रुपये का हेरफेर, गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने रोजाना कमाई में महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 17 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने का सेहरा अपने माथे बांध तो लिया है, लेकिन पिछले दो वर्षो में महंगाई की स्थिति को देखते हुए ये आंकड़े आम जनता के साथ क्रूर मजाक सरीखे लगते हैं। सितंबर, 2011 में सरकार ने जब गांव में 26 रुपये रोजाना से ज्यादा कमाई वालों को गरीब मानने के...
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