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जल सत्‍याग्रहियों से हम बातचीत के लिए तैयार : मुख्‍यमंत्री

मूंदी ,खंडवा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि वे ओंकारेश्‍वर बांध परियोजना के संबंध में जल सत्‍याग्रह कर रहे लोगाें से बातचीत के लिए तैयार हैं। श्री चौहान शुक्रवार को पुनासा विकासखंड के ग्राम चांदेल में शुक्रवार को 418.50 करोड़ की लागत से निर्मित पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना का शुभारंभ कर रहे थे। श्री चौहान ने लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वृहद जल जनपंचायत को भी संबोधित किया। यह...

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आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा

बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...

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जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्‍योति पारिख

स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...

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आलू किसानों की बेहतरी को लेकर पंजाब मॉडल अपनाने का हाइकोर्ट ने दिया सुझाव

कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा : विज्ञा सम्मत कृषि से मिलेगा लाभ कोलकाता : राज्य के आलू किसानों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार को पंजाब का मॉडल अपनाने की सलाह कलकत्ता हाइकोर्ट ने दी है. हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने अनिंद्य सुंदर दास द्वारा दायर मामले की सुनवाई में यह कहा. खंडपीठ ने कहा कि विज्ञान सम्मत कृषि से लाभ मिले...

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जंगल के दावेदारों पर मंडराता खतरा - के सी त्यागी

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद अब आदिवासियों और जंगलों का मामला विवाद में है। ग्राम सभा की सहमति को, जो वन अधिकार कानून के अंतर्गत अनिवार्य है, समाप्त करने के संकेत मिल रहे हैं। संसद के इसी सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिन्हें हम आज अनुसूचित जातियों के अंतर्गत गिनते हैं, उन आदिवासियों की दशा अंग्रेजों के आगमन के समय से ही दयनीय हो चली थी। अंग्रेज...

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