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स्वास्थ्य विभाग में पेट्रोल-डीजल के नाम पर 87 लाख रुपए का घोटाला

बिलासपुर. स्वास्थ्य विभाग में वाहनों के रखरखाव और पेट्रोल-डीजल के नाम पर 87 लाख रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। सीएमओ दफ्तर के प्रशासकीय अधिकारी ने बिना वित्तीय अधिकार के न सिर्फ यह रकम निकाली, बल्कि उसकी बंदरबांट भी कर ली। इसके बाद उसके फर्जी बिल भी जमा कर दिए गए। सूचना का अधिकार में मिले दस्तावेज से इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। कुछ माह पहले स्वास्थ्य विभाग में लोडिंग-अनलोडिंग...

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ये सब तो होना ही था- रविभूषण

वित्तीय पूंजी के रूप-स्वरूप, चाल-चलन से अपरिचित अनजान व्यक्ति ही आज की राजनीति से किसी सार्थक उम्मीद की आशा कर सकता है. अब राजनीति नव उदारवादी अर्थ व्यवस्था के मातहत है. जिसे ‘शिकागो स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स’ कहा जाता है, वह अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन की आर्थिक दृष्टि और नीति के बाद ही प्रमुख रूप से अस्तित्व में आया. मिल्टन फ्रीडमैन नव उदारवादी अर्थशास्त्र के प्रमुख प्रणोता हैं. मनमोहन सिंह का अर्थशास्त्र...

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300 लखपतियों की पंचायत है बांक

देवघर के मोहनपुर प्रखंड का सबसे समृद्घशाली पंचायत है यह. घोरमारा पेड़ा बाजार है इस पंचायत का प्रमुख उद्योग. देश-विदेश के लोग रुकते हैं पंचायत में. उमेश यादव मोहनपुर प्रखंड का बांक पंचायत. इस पंचायत की नाम जितनी छोटी है, दर्शन उतने ही बड़े हैं. तीन प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन, स्टेट हाइवे, डाकघर, दो-दो बैंक शाखाएं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, डाक बंगला, बड़े-बड़े तालाब, एक महीने में 10 करोड़ से अधिक...

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पेड़ काटा तो नक्शा रिजेक्ट, प्लॉट मालिकों पर गिरेगी गाज

शिमला। शिमला के कलस्टन में निर्माण में बाधा बने पेड़ को काटने का खमियाजा अब सभी प्लॉट मालिक को भुगतना पड़ेगा। निगम प्रशासन ऐसा करने वाले प्लॉट मालिकों के नक्शे को रिजेक्ट कर देगा। कलस्टन में पेड़ काटने वाले प्लॉट मालिक के नक्शे को रिजेक्ट करने के आदेश निगम प्रशासन ने दे दिए हैं। नगर निगम के वन शाखा ने प्लॉट मालिक के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटकर कोर्ट में चालान पेश...

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गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप

जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...

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