जयपुर. नरेगा के काम में खर्च राशि पिछले साल के मुकाबले आधी से भी कम रह गई है। सरकार का दावा है कि मानसून के दौरान अच्छी बारिश के कारण लोगों को मजदूरी की जरूरत नहीं है। यहां रोजगार मेले में शामिल होने राज्यभर से आए लोगों से मिली जानकारी कुछ और ही बयान करती है। लोगों के अनुसार उन्हें नरेगा में काम: नहीं मिल रहा, जिन लोगों ने काम कर दिया उनको...
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अब गेहूं की तरह बोया जाएगा धान
बिजनौर [विनोद भारती]। सूखे की मार झेलने वाले वेस्ट यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी। अब पानी की कमी से धान की फसल बर्बाद नहीं होगी। साथ ही रोपाई के लिए खेतों में पानी भी नहीं भरना पड़ेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नई विधि से पैदावार भी अपेक्षाकृत अधिक होगी। दरअसल, वैज्ञानिकों नेधान को गेहूं की तर्ज पर पंडलिंग विधि से उगाने में सफलता हासिल कर ली है।...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही
जोधपुर. शहर में उचित मूल्य की कई दुकानों पर एक बार फिर सड़ा गेहूं सप्लाई हुआ है। गेहूं इतना सड़ा हुआ है कि जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। रसद विभाग को भी इस बात का पता है फिर भी माल डीलरों को दे दिया गया और वहां से बेचा भी जा रहा है। काले पड़ चुके गेहूं से सड़ांध उठ रही है। फिर भी गरीब की मजबूरी है कि...
More »किसानों को नहीं मिला फसल बीमा का लाभ
चक्की (बक्सर)एक प्रतिनिधि : किसानों को काफी हद तक राहत देने वाली सरकारी स्तर पर चल रही फसल बीमा का अता-पता नही है। इस लाभकारी योजना से करीब अस्सी फीसदी किसान अंजान है। इस संबंध में बरमेश्वर मिश्रा, ओमनारायण मिश्रा, उपेन्द्र ओझा, विश्वामित्र पांडेय कहते है। मानसून के दौरान आवाधिक पानी कम होने के कारण सूखा की स्थिति कायम हुई। जिससे खरीफ की खेती में जुताई, बुआई करने से घर...
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