नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने बीते सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर केंद्रीय सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन नहीं करने की मांग की है. आचार्युलू ने राष्ट्रपति से यह सुनिश्वित करने के लिए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्ताविक सूचना आयुक्तों के ‘कार्यकाल, दर्जा और वेतन' संबंधी संशोधन न किया जाए. उन्होंने कहा...
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12 राज्यों में लोकायुक्त के पद ख़ाली, चार राज्यों ने क़ानून ही नहीं बनाया: आरटीआई
नई दिल्ली: सरकारी तंत्र में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए साल 2013 में ‘लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक' बनाया गया था. जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार ने चार साल बाद भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है, वहीं कई राज्यों का भी हाल ऐसा ही है. भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दे पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा दायर सूचना का...
More »देश के छह करोड़ गरीबों को बनाया जा रहा है डिजिटल साक्षर : रविशंकर
पटना : केंद्रीय कानून एवं आईटी मंत्री ने कहा कि पूरा देश डिजिटल हो रहा है. देश के छह करोड़ गरीबों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा रहा है. आने वाले समय में भारत कौशल विकास का बड़ा हब बनेगा. कौशल विकास समय की मांग है. स्किल इंडिया को मजबूत बनाने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा. भारत हुनरमंद देश के रूप में अपनी पहचान बना रहा...
More »मोदी राज में किसान: डबल आमद या डबल आफत?
खेती-किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने गुजरे चार सालों में क्या कुछ किया है, उसपर आप महज एक घंटे में राय बनाना चाहते हैं तो फिर यह पुस्तक आप ही के लिए है.(पुस्तक आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं) किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार के हासिल-लाहासिल को परखने के तीन रास्ते हो सकते हैं. एक तो सरकार के वादों को परखना कि वे किस हद तक पूरे हैं. दूसरे, सरकार के दावों...
More »किसानों के प्रति उदासीनता- योगेन्द्र यादव
बीसवीं सदी के किसान नेता दीनबंधु चौधरी छोटू राम ने किसान को कहा था: 'ए भोले किसान, मेरी दो बात मान लें- एक बोलना सीख और एक दुश्मन को पहचान ले'. लगता है सौ साल बाद भारत के किसान ने उनकी बात सुन ली है. आज देशभर से 200 से अधिक किसान संगठन 'किसान मुक्ति मार्च' लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस मार्च के जरिये किसान बोलना सीख रहे हैं....
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