बदलती जीवन शैली युवाओं के लिए खतरा बन गयी है. शहरों में खत्म होते खेल मैदान से बढ़ा इनडोर गेम्स का चलन युवाओं को अस्थामा का मरीज बना रहा है. अस्थामा के मरीजों में अब युवाओं और बच्चों की संख्या बड़ों से दोगुनी हो गयी है. विशेषज्ञों की मानें तो खेल मैदान की कमी के चलते युवा इनडोर गेम्स को प्राथमिकता दे रहे हैं. इनडोर गेम्स के दौरान घर...
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परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग-- पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
More »सिर्फ विलाप से नहीं बचेगी धरती-- सुनीता नारायण
अर्थव्यवस्था, राजनीति और प्रकृति के नजरिये से पिछला साल काफी उथल-पुथल वाला वर्ष रहा। ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकला, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए और अनियमित मौसम व असमय बारिश से पूरी दुनिया हलकान रही; गरीबों के घर और खेत तबाह हुए। ये तमाम चीजें अब बीते दिनों की बातें भले लगती हों, लेकिन जिस तरह से हमारे लक्ष्य बदल रहे हैं, भविष्य इससे भी बुरा...
More »भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को करेगा आम निर्यात
मेलबॉर्न। भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को आम निर्यात कर सकता है। लेकिन, ऐसा तभी हो पाएगा, जब भारतीय आम वहां के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरें। आम निर्यात की संभावना दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल संशोधित किए जाने के बाद बनी है, ताकि भारतीय आम को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में पहुंचने का मौका मिल सके। 'ऑस्ट्रेलियन मैंगो इंडस्ट्री एसोसिएशन' के रॉबर्ट ग्रे ने कहा कि भारतीय आम ऑस्ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल...
More »पानीदार टेढ़ा पद्धति-- बाबा मायाराम
मौसम बदलाव के इस दौर में पानी का संकट एक बड़ी समस्या है, ऐसे में मुझे याद आती है छत्तीसगढ़ की टेड़ा पद्धति, जिसमें न केवल जरूरत के मुताबिक पानी निकाला जाता है, बल्कि इसमें पानी की आपूर्ति सतत् बनी रहती है, यह श्रम आधारित पद्धति है और किफायत से पानी खर्चने पर टिकी है. छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले का एक है गांव चराईखेड़ा। वह उरांव आदिवासियों का गांव है। उनकी...
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