भारत में कुल कृषि-भूमि का तकरीबन 45 फीसद हिस्सा सिंचित-भूमि की श्रेणी में आता है और इस भूमि के 50 फीसदी हिस्से पर सिंचाई भूमिगत जल के दोहन से होती है। ग्रामीण इलाके में पेयजल की कुल खपत में 85 फीसदी की हिस्सेदारी भूमिगत जल की है लेकिन वे दिन दूर नहीं जब पानी का यह संसाधन दुर्लभ हो जाएगा। समझदारी इसी में है कि भूमिगत जल को साझे की...
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उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी
जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...
More »जल्दी मानसून से खरीफ फसलों को काफी फायदा
धान की बुवाई का काम तेज, दलहन बोने के लिए भी सही जल्दी मानसून आने से खरीफ की फसलों जैसे धान, दलहन और तिलहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कहा है कि जल्दी मानसून के चलते कृषि क्षेत्र की उत्पादकता ऐसे समय में बढ़ेगी, जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। मानसून पूरे देश में करीब एक माह पहले ही सक्रिय हो चुका है। देश में सामान्य...
More »110 गांवों पर गिरा लहरों का कहर..
यमुनानगर/पानीपत/करनाल. मानसून के दस्तक देते ही उफनी यमुना से प्रदेश में बाढ़ आ गई है। हरियाणा के करीब 110 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 500 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। इन सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अंबाला में भारतीय सेना...
More »मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर किसानों ने लगाया ग्रहण
अहमदाबाद। औद्योगिक विकास के रूप में गुजरात एक ओर देश के समक्ष मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है वहीं, दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के धालेरा स्थित ड्रीम प्रोजेक्ट स्पेशियल इन्वेस्टमेंट रिजन के खिलाफ 44 गांवों के किसान लामबद्ध हो गए हैं। किसान कहते हैं जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं, पुरखों की जमीन में से एक इंच जमीन सरकार को नहीं देंगे, सरकार ने अपनी नीति...
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