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आपदा का खोखला प्रबंधन!

उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...

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श्रम में खोता बचपन

बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...

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गांवों को भगवान भरोसे छोड़ अब शहरों का रुख करेंगे डॉक्टर्स- इंद्रप्रीत सिंह

चंडीगढ़. डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने की सभी कोशिशें सोमवार को नाकाम रहीं। स्वास्थ्य मंत्री मदन मोहन मित्तल ने ग्रामीण विकास मंत्री सुरजीत सिंह खरडा से दो दिनों के लिए एक हजार ग्रामीण डॉक्टरों को शहरों के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए भेजने को कहा है। मुख्यालय में बैठे सभी डॉक्टरों से भी जिलों के अस्पतालों में ड्यूटी देने को कहा गया है। इसके अलावा मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम...

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अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....

भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...

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स्वास्थ्य नीति की बीमारी-भारत डोगरा

जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...

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