प्रधानमंत्री ने अपने खास उदारवादी अंदाज में गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को फटकार क्या लगाई कि हाय-दुहाई मच गई। वही संस्थाएं जो बेझिझक आरोप लगाती हैं राजनीतिकों पर, पत्रकारों पर, उद्योगपतियों पर और न जाने किस किस पर। जब उनकी बारी आई, तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। क्या सिर्फ एनजीओ ही हैं इस विशाल देश में, जो दूध के धुले हैं? क्या उनसे इतना भी नहीं पूछा जा सकता कि...
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'जमीन बेचकर कांग्रेस सरकार ने भूमिहीन किए 27 परिवार'
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विधानसभा में सरकार की आलोचना कर रही कांग्रेस को उसी की भाषा में आइना दिखाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2007 में जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी तो उस समय 97 मामलों में नियमों को ताक पर रखकर जमीन दी। इसमें 27 मामलों में तो जमीन बेचने वाले भूमिहीन हो गए। मुख्यमंत्री धूमल वीरवार...
More »रामबाण नहीं है नदी जोड़ योजना- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 16 मार्च, 2012: उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नदियों के एकीकरण की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश देने के बाद परिणामप्रिय विश्लेषक इस योजना से होने वाले लाभों को गिनवाने में लग गए हैं। नदियों के एकीकरण के इस प्रस्ताव पर उस तबके के बीच खासा उत्साह का माहौल है जो इसके जरिए अपने हितों को साधने और अपने आर्थिक विस्तार की संभावनाएं तलाश रहा है।...
More »मजबूत लोकपाल के लिए अन्ना ने दी ‘बड़े आंदोलन’ की धमकी
नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए ‘बड़ा आंदोलन’ छेड़ने की धमकी देते हुए गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून नहीं बनाती तो उसे जाना होगा। अन्ना ने कहा कि वह वर्ष 2014 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों तक मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन करेंगे और अगर तब तक कानून नहीं बनाया...
More »अन्न स्वराज- वंदना शिवा
भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
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