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बिहार के किसानों संग हुआ ऐसा कि चेहरे पर तैरने लगी खुशियां

पटना. बिहार के वैशाली जिले के सब्जी उत्पादक किसान सुनील कुमार ने इस वर्ष अपने परिवार के साथ न केवल होली धूमधाम से खेली, बल्कि अपने दो छोटे-छोटे बच्चों और बूढ़ी मां के लिए नए कपड़े भी खरीदे। राज्य में केवल सुनील ही ऐसे नहीं थे जिन्होंने अपने परिवार के साथ होली की खुशियां बांटी, बल्कि ऐसे कई सब्जी उत्पादक थे जिन्होंने उपज में वृद्धि से खुश होकर पूरे मन से होली मनाई। औरंगाबाद...

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नदी जोड़ो परियोजना पर फिर से बहस तेज

जरूरी है जल प्रबंधन नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर बेशक कुछ सवाल उठे हों, लेकिन बदलते समय में इसकी महत्ता से इनकार नहीं किया जा सकता। पानी का सवाल इतना बड़ा है कि किसी बड़े कदम से ही समाधान की तरफ बढ़ा जा सकता है। बहुत बारीक तथ्यों और तमाम पहलुओं पर निष्कर्ष के बाद करीब दस वर्ष पहले जो रिपोर्ट तैयार हुई थी, उससे हम उम्मीद कर सकते...

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कोई गुलाम योद्धा यह ना पूछे- क्यों युद्ध हारे( दैनिक जागरण, रांची संस्करण)

बीहड़ों में बागी होते हैं, डाकू तो पार्लियामेंट में होते हैं। फिल्म पान सिंह तोमर का यह डायलॉग सबकी जुबान पर है। आठ बार नेशनल चैंपियन रह चुके एथलीट पान सिंह तोमर सरकारी व्यवस्था में घिसकर अंतत: हथियार उठा लेता है और चंबल के बीहड़ों का कुख्यात डकैत बन जाता है। पलामू में 2001 में एक नक्सली श्याम बिहारी उर्फ विनय जी उर्फ सलीम ने आत्मसमर्पण किया था। उसे...

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लाल ईंटों की दीवार के परे : हर्ष मंदर

भारत के सबसे बेहतरीन बिजनेस स्कूलों में से एक आईआईएम अहमदाबाद के विशाल छायादार कैम्पस में लाल ईंटों की एक दीवार है। इस दीवार के दूसरी तरफ अनेक बेसहारा लोगों का बसेरा है। इनमें कचरा बीनने वाले, निर्माण श्रमिक और भिखारी शामिल हैं। मेरे एक छात्र ने इस विडंबना को रेखांकित करते हुए कहा था कि महज सौ मीटर के फासले पर दो अलग-अलग दुनियाएं बसी हैं। एक दुनिया वह है, जहां...

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सत्ता में दलित- श्योराज सिंह बेचैन

Dalits pain मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में जब जातियों के आधार पर राजनीतिक गोलबंदी तेज हो गई है, सही मायने में कांशीराम ही अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने व्यवस्था बदलने के लिए जाति के समाप्त होने का इंतजार नहीं किया था। उन्होंने जातियों, उप-जातियों में सहअस्तित्व और आत्मसम्मान की भावना जगाकर उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी की महत्वाकांक्षा के साथ संगठित किया। समकालीन राजनीति में उनके इस योगदान ने न केवल हाशिये पर...

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