३८१ ग्राम पंचायत, लगभग १६०० गांव और डेढ लाख से भी अधिक ग्रामीणों से रूबरू होते हुए भीलवाड़ा जिले में १ अक्तूबर से प्रारंभ हुआ सामाजिक-अंकेक्षण अभियान गुजरे १२ अक्तूबर को सामाप्त हुआ तो नरेगा और सूचना के अधिकार से जुड़ी कई सच्चाइयों से पर्दा उठा। सामाजिक अंकेक्षण के लिए कुल १३५ टोलियां निकली थीं और हर टोली में थे १५-१५ प्रशिक्षित सदस्य। ३८१ ग्राम पंचायतों की पदयात्रा के बाद...
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ग्रामीणों ने कृषि अधिकारियों को बंधक बनाया
ब्रजराजनगर। शनिवार को लखनपुर ब्लाक के सागरपाली गांव में किसान गौरहरि पात्र की आत्महत्या के मामले में जांच करने पहुंचे कृषि उपनिदेशक समेत कृषि विभाग के दो अन्य अधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश शिकार होना पड़ा। ग्रामीणों ने उन्हें करीब पांच घंटे तक बंधक बनाए रखने के बाद तब छोड़ा जब कृषि उपनिदेशक ने अपनी गलत बयानी के लिए माफी मांगी और सही रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने का आश्वासन...
More »पूरा गांव अंधेरे में, पर मंत्री का घर रोशन
दमोह/हटा. बिल न भरने के कारण कृषि मंत्री डॉ.रामकृष्ण कुसमरिया के गृह गांव सकौर की बिजली कटी है, लेकिन मंत्री का घर रोशन है। इसके लिए बिजली विभाग द्वारा अलग से ट्रांसफार्मर लगाया गया है। ट्रांसफार्मर को लेकर मंत्री और विभागीय अफसरों के कथनों में विरोधाभास है। श्री कुसमारिया का कहना है कि उन्होंने निजी खर्च से यह ट्रांसफार्मर लगवाया है वहीं बिजली विभाग के अफसर कहते हैं कि यह...
More »हर साल सूखाड अकाल..! कोरैया के किसानों से सीख लीजिए..
गढवा : सूखाड-अकाल भोग रहे झारखंड में एक ऐसा गांव भी जहां किसानों ने अपनी कठोर मेहनत से इंद्रदेव के कोप को नाकाम कर दिया है। गढवा जिला के कौरया गांव के किसानों की खेतों में मकई और धान की फसल लहलहा रही है। यह महज एक पखवारे के परिश्रम का फल है। और अब तो हफ्ते भर से हो रही बारिश ने और भी उम्मीदें जगा दी हैं। शायद,...
More »इस सूखे में संभावना
इस साल के सूखे ने एक बार फिर ध्यान दिलाया है कि देश के जिन इलाकों में सिंचाई के साधनों के टोटे हैं वहां चावल और गेंहूं जैसे पेट भर पानी पीकर लहलहानी वाली फसलों के बजाय मोटहन मसलन-ज्वार-बाजार,मरुआ-मसुरिया जैसी फसलों को उपजाने की जरुरत है क्योंकि इन फसलों को पानी की कम जरुरत होती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की कुल ७० फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए...
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