शिमला [रचना गुप्ता]। छोटा सा पहाड़ी प्रदेश हिमाचल गरीब हो रहा है। हालाकि प्राकृतिक संपदा से लबरेज राज्य की आमदनी वर्ष दर वर्ष घट रही है, लेकिन यह भी हकीकत है कि यहा के लोग मालामाल हो रहे हैं। राज्य की कंगाली के पीछे का कारण है लोगों का कृषि से मोह भंग होना और लोगों की अमीरी यानी प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की वजह है नौकरियों व उद्योगों में दिलचस्पी लेना। आजीविका में...
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भंडार भरे, फिर भी मार रही महंगाई
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
More »महंगाई के जख्म पर सस्ते राशन का मरहम
निधिनाथ श्रीनिवास नई दिल्ली : सरकारी राशन दुकानों के सामने लगने वाली कतारें लंबी होने लगी हैं। निजी दुकानों पर खाद्य उत्पादों के दाम आम आदमी की ...
More »महंगाई की मार से अमेरिकी भी बेहाल
वाशिंगटन : दुनियाभर में आर्थिक मंदी और खाद्यान्न की कीमतों में उछाल का असर अमेरिका पर इतना गहरा हुआ है कि उसकी 20 फ़ीसदी आबादी के पास दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. अमेरिका में हाल में कराये गये एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 2009 में हर पांच में से एक अमेरिकी परिवार के सामने कम से कम एक बार ऐसे हालात पैदा हो गए थे कि उनके पास...
More »पशुओं की संख्या के आधार पर जैविक गांवों का चयन
पटना कृषि मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा ने जिला कृषि पदाधिकारियों को 18 जनवरी तक चयनित जैविक गांवों की सूची भेजने का निर्देश दिया है। जैविक गांवों के चयन का आधार पशुओं की संख्या होगी। इसका चयन जिला कृषि पदाधिकारी, आत्मा के परियोजना निदेशक व पशुपालन पदाधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे। जैविक गांवों के चयन सम्बन्धित संचिका कृषि विभाग के मार्गदर्शन के लिए लम्बित थी। कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत ऐसे गांवों का ही चयन...
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