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डरबन से क्या हासिल हुआ- अजय झा

जनसत्ता 20 दिसंबर, 2011: डरबन में जलवायु संकट पर अपने निश्चित समय से छत्तीस घंटे देर तक चली अंतरराष्ट्रीय शिखर वार्ता की सबसे खास बात यह थी कि किसी भी महत्त्वपूर्ण पहलू पर समझौता हुए बिना इसके परिणाम को एक बड़ी कामयाबी की तरह पेश किया गया। बकौल आयोजक और विकसित देश, समझौता अत्यधिक सफल रहा। मंत्री मशाबेन, जो कि वार्ता की अध्यक्ष थीं, ने पिछली अध्यक्ष मैक्सिको की पैट्रीशिया...

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काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार: प्रणब

नई दिल्ली, 15 दिसंबर। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में भरोसा दिया कि सरकार विदेश में जमा भारतीयों के काले धन से संबंधित सभी जानकारियों के साथ जल्द एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का ब्योरा देते हुए ऐसे भारतीय खाताधारकों के नामों को सार्वजनिक करने में सरकार की असमर्थता जताई। साथ ही यह आश्वस्त किया कि विभिन्न देशों से अब तक इस बारे में जो भी नाम...

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खेती को कमजोर करने की साजिश- अनिल जोशी

खेती को लेकर अब छोटे और मध्यम किसानों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे किसानों में अपने खेत बेचकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 98.2 प्रतिशत किसानों की आनेवाली पीढ़ियों में किसानी के प्रति कोई रुचि नहीं है। निश्चय ही यह चिंता का विषय होना चाहिए। किसानों के बच्चों की...

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कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज

झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले,  काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।  जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...

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खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के खतरे- शरद यादव

 खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत का निर्णय केंद्र सरकार ने ऐसे समय किया जिस समय वह मूल्यवृद्धि और काले धन पर संसद में घिरी हुई थी। इसके साथ ही उसने विपक्ष के साथ टकराव का एक और मोर्चा खोल दिया है। उसके इस निर्णय की दो व्याख्याएं हो सकती हैं। पहली यह है कि केंद्र सरकार चाहती ही नहीं कि संसद सही तरीके से चले और वह टकराव...

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