पटना : मछली उत्पादकों को अब तकनीकी सहयोग मिलेगा. पंचायत स्तर पर मछली उत्पादन को बढ़ावा देने व मत्स्य योजनाओं का लाभ उत्पादकों तक पहुंचाने के लिए हर पंचायत में मीन (मछली) मित्र की नियुक्ति होगी. सरकार 8,442 मीन मित्रों और उनके पर्यवेक्षण के लिए सभी 534 प्रखंडों में पारा एक्सटेंशन वर्कर की नियुक्ति करेगी. 20 दिसंबर को कृषि कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद नियुक्ति प्रक्रिया...
More »SEARCH RESULT
अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »महंगाई की आग- परंजय गुहाठाकुरता
महंगाई की समस्या आज विकराल होती जा रही है, तो इसके लिए सरकार और उसकी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया मानती है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक कह चुके हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने में मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां मददगार साबित हो सकती हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि वही मनमोहन सिंह अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी के भंवर से बाहर निकालने में...
More »खाद्य महंगाई दर 11.43 फीसदी पर
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार की तमाम कोशिशों और दावों को धता बताते हुए खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू से बाहर होने लगी है। खाने-पीने की चीजों के महंगा होने से आम लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। सब्जियों, फल और दूध के मूल्य बढ़ने से थोक मूल्यों पर आधारित खाद्य महंगाई की दर 11 फीसदी के पार पहुंच गई है। दालें और मोटे अनाज के स्थिर मूल्य भी चढ़ने लगे हैं।...
More »