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बांदा के इस गांव में बच्चों को बांधकर काम करने जाती हैं महिलाएं

जिला मुख्यालय से सटे पल्हरी गांव का मजरा किलेदार का पुरवा स्वच्छता की मिसाल पेश कर रहा है। यहां न तो नाली हैं और न ही शौचालय, फिर भी गांव की गलियों में गंदा पानी नहीं बहता। इसके लिए ग्रामीणों ने खास व्यवस्था कर रखी है। देश भर में स्वच्छता अभियान की धूम है। पर बांदा के इस गांव पर किसी की नजर नहीं पड़ी। ऐसे में गांव वालों ने खुद...

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सिर्फ नारों से नहीं बचेगी पृथ्वी-- रोहित कौशिक

काफी समय से पेरिस जलवायु समझौते की आलोचना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया। ट्रंप का कहना है कि इस समझौते से भारत और चीन को अनुचित लाभ मिल रहा है। पेरिस समझौते के तहत दोनों देश अगले कुछ वर्षों में कोयले से संचालित बिजली संयंत्रों को दोगुना कर लेंगे और भारत को अपनी योजनाएं पूरी करने के लिए अच्छी-खासी...

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26 साल से बूंद-बूंद को तरस रहे महाराष्ट्र के इन 3 गांवों में डाली गई पाइपलाइन

महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका में साल 1990 में जब टेमघर बांध बना था तो इस जगह रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। उसके बाद से लेकर अब तक इस इलाके में कोई पानी की पाइपलाइन नहीं डाली गई। वेगारे, धनौरी और मंडवखड़क इलाके की महिलाओं को कुएं से पानी लाने के लिए 2-4 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। लेकिन 26 साल बाद यहां...

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अपने ही समझौते से भाग निकला अमेरिका-- चंद्रभूषण

जब डोनाल्ड ट्रंप पेरिस समझौते से बाहर निकलने के अपने फैसले का एलान कर रहे थे, तो वह असल में, अपनी उन्हीं जलवायु-विरोधी नीतियों को मूर्त रूप दे रहे थे, जिन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से वह प्रोत्साहित करते रहे हैं। इस वर्ष मार्च में ही उन्होंने जीवाश्म ईंधन के समर्थन में एक आदेश जारी किया था। यह आदेश न सिर्फ कोयला खनन को बढ़ावा देता है,...

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आबादी और रोजगार की कशमकश -- मोंटेक सिंह अहलूवालिया

नौकरियों के सृजन की चुनौती पूरी दुनिया में राजनीति के केंद्र में है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि, भारत में इस समस्या के पैमाने को आंकना कोई आसान काम नहीं है। हाल ही में जारी साल 2011-12 के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के आंकड़े बताते हैं कि देश की कुल श्रम-शक्ति के बरक्स बेरोजगारी दर महज 2.2 फीसदी थी, जो काफी मामूली है। इस लिहाज से अन्य...

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