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चीन में उच्च आय वालों की संख्या हुई 8 करोड़, 122 देशों से पीछे है भारत

चीन में 1978 के सुधारों के बाद से उभरा उच्च आय वर्ग का आंकड़ा 8 करोड़ से पार पहुंच चुका है।   इस उभरते हुए सामाजिक वर्ग की औसत वार्षिक आय 23,997 डॉलर या राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। 2०16 में उच्च आय वाले लोगों का औसत खर्च 18,937 डॉलर से अधिक या राष्ट्रीय औसत का 1.7 गुना रहा।   'पीपुल्स डेली' की रिपोर्ट के अनुसार, इन आठ करोड़ लोगों में से 4.8 करोड़...

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पर्यावरण और विश्व राजनीति-- बिभाष

पिछले नवंबर का महीना सिर्फ विमुद्रीकरण के ही लिये नहीं जाना जायेगा. नोम चॉम्स्की ने हाल में डेली मिरर को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दो घटनाएं जो आठ नवंबर को घटित हुई हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. एक ओर जहां, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना, वहीं दूसरी घटना है- मोरक्को के मार्राकेश शहर में 7 से 16 नवंबर तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन...

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समाज सेवा के नाम पर-- मोनिका शर्मा

हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में चल रहे तैंतीस हजार गैर-सरकारी संगठनों में से करीब बीस हजार संगठनों के लाइसेंस रद््द कर दिए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई तब की, जब पाया गया कि ये एनजीओ विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। यानीजिन एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद््द किया गया है, वे अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेंगे। इस कार्रवाई के...

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वापस आए पुराने नोटों के आंकड़ों पर असमंजस

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित 500 व 1000 रुपए के कितने नोट और धनराशि बैंकों में वापस आए, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। गैर सरकारी एजेंसियां अपना-अपना आकलन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि 95 से 97 फीसद तक प्रतिबंधित नोट वापस आ चुके हैं। यह निश्चित तौर पर सरकार की उम्मीदों से काफी ज्यादा है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक भारतीय...

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न्यायपालिका में आरक्षण-- डा. शैबाल गुप्ता

सफल पेशेवर होने के लिए मेधा तथा ज्ञान के मेल की जरूरत होती है. मगर चिकित्सा, पुलिस और खासकर न्यायपालिका जैसे पेशों हेतु ‘सामाजिक संवेदनशीलता' नामक एक अतिरिक्त अर्हता आवश्यक है. संवेदनशीलता वस्तुतः एक ‘सामाजिक धारणा' है, जिसे कोई व्यक्ति सामाजिक संरचना में उस वर्ग तथा जाति की स्थिति के आधार पर हासिल करता है, जिसके साथ वह रहता आया है. न्यायिक फैसले लेने में इसकी इतनी जरूरत है कि...

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