हिमालय की अनदेखी शुरू से ही हो रही है। बार-बार केंद्र पर निर्भर हिमालयी राज्यों का तंत्र हिमालय की गंभीरता और हिमालय से चल सकने वाली स्थायी जीवन शैली और जीविका को भी भुलाते जा रहे हैं। आयातित परियोजनाओं ने हिमालय में अतिक्रमण, प्रदूषण और आपदा की स्थिति पैदा कर दी है जिसके फलस्वरूप हिमालय टूट रहा है। हिमालय न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया के सभी देशों के लिए जल...
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बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज
आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
More »केंद्र से नहीं मिली अरहर दाल, दाम में और बढ़ोतरी
पटना : राज्य में दाल का संकट जस-का-तस बना हुआ है. बाजार में दाल की कमी के कारण इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके बावजूद राज्य में खपत के मुताबिक केंद्र से दाल मिलने की संभावना नहीं है. जून के पहले और अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रति माह 16,500 टन अरहर दाल की मांग की थी. उधर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार...
More »शहरीकरण की विसंगतियां--- रमेश कुमार दूबे
शहरीकरण को लेकर सरकार का नजरिया यह है कि इस पर सियापा करने के बजाय इसे मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। उसके मुताबिक शहरों में गरीबी दूर करने की ताकत होती है और हमें इस ताकत को और आगे बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक समृद्धि का स्वत: प्रसार हो। सुख-सुविधाओं की मौजूदगी के चलते शहर सदा से मनुष्य के आकर्षण के केंद्र रहे हैं। आज की तारीख में तो ये...
More »छत्तीसगढ़-- प्रदेश के खनिज जिलों को मिलेंगे 1100 करोड़ रुपए
रायपुर। देश की नई राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति सोमवार को राजधानी रायपुर में लांच की गई। इसके साथ ही दो दिवसीय राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी शुरु हो गई है। इस कार्यक्रम के पहले दिन केंद्रीय खान एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय खान राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय सचिव बलविंदर सिंह सहित माइनिंग कारोबार से जुड़े देश भर के 700 उद्योगपति व...
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