जिन सपनों को लेकर एक दशक पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उनमें से कितने सपने आंखों से उतरकर जमीन पर चल पाए हैं? नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य दस साल का हो गया. दस साल की उम्र किसी राज्य का भविष्य तय करने के लिए काफी नहीं होती, पर ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत के हिसाब से देखा जाए तो उस भविष्य का अंदाजा लगाने के...
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2 लाख से अधिक किसानों ने की आत्महत्या
पटना, हमारे प्रतिनिधि: सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले कुछ वर्षो में देश के दो लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। देश के किसान दिनोंदिन गरीब होते जा रहे हैं, जबकि विदेशी कंपनियां मोटी कमाई कर रही हैं। ये बातें सोमवार को स्थानीय श्रीकृष्ण विज्ञान केन्द्र में आयोजित एक बैठक में किसान स्वराज्य यात्रा में शामिल वक्ताओं ने कहीं। किसान स्वराज्य यात्रा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के...
More »बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश
नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »बुंदेलखंड पैकेज के अमल को लेकर चिंतित केंद्र
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बुंदेलखंड के लिए सूखा राहत पैकेज मंजूर करने के बाद भी इस क्षेत्र को लेकर केंद्र की चिंता कम नहीं हो रही है। सरकार की सारी उम्मीदें इस पैकेज के अमल पर टिकी हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें इस पैकेज के अमल को लेकर क्या रणनीति अपनाती हैं, सरकार इस बात को लेकर अभी भी चिंतित है। सूत्रों के मुताबिक योजना आयोग ने मध्य...
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