कभी शॉपिंग और ब्यूटी पॉर्लर में अपनी कमाई का मोटा हिस्सा खर्च करने वाली कामकाजी महिलाएं अब अपनी सैलरी का 80 फीसदी हिस्सा बच्चों की फीस और अन्य जरूरी मदों में खर्च कर रही हैं। इसका खुलासा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा पहली बार दिल्ली की कामकाजी महिलाओं पर किए गए एक सर्वे में हुआ है। सर्वे में ऐसी महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता व उनके खर्च समेत इलाज और...
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रोजगार-सुरक्षा से आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन
अपने चुनावी अभियान में मोदी सरकार ने महिलाओं में ‘सुरक्षित दिनों' की खूब उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन पिछले बजट में इसे लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार में नए अवसर पैदा करने वाली योजनाएं भी लाई जा सकती हैं। पांच बड़े वादे संविधान संशोधन के जरिए...
More »पीडीएस-- राजस्थान में 16 फरवरी से लागू होगा आधार से जुड़ा ये नियम
राजस्थान सरकार 16 फरवरी से राशन डीलर से सामान लेने के लिए आधार कार्ड और पास बुक की अनिवार्यता काे लागू करने जा रही है। अब राशन डीलर के पास सामग्री लेने के लिए पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को अपने आधार नंबर तथा बैंक अकांउट पास बुक की छाया प्रति साथ लाना होगा। यह नियम पूरे राज्य में लागू होगा। राजस्थान सरकार 16 फरवरी से राशन डीलर से सामान लेने के...
More »...जहां महिलाएं कर रहीं हैं वनों की रक्षा
हिमालयी क्षेत्र में खूबसूरत नजारे वाले लाहौल स्पीति घाटी में 1980 के दशक में एक आंदोलन शुरू हुआ था। महिला कार्यकर्ताओं ने वनों की रक्षा में इस आंदोलन को शुरू किया था। बौद्ध आबादी बहुल इस क्षेत्र में महिलाओं के इस श्रम ने रंग लाया। इस आंदोलन की शुरुआत कवारिंग पंचायत में शुरू हुई, जहां की आबादी 112 थी। इसमें महिलाओं की संख्या 64 थी। बाद में यह आंदोलन घाटी के...
More »कभी गांव में निर्वस्त्र घुमाई गई महिला पंचायत चुनाव के मैदान में
आशुतोष शर्मा, महासमुंद। बिसाहिन बाई को टोनही बताया गया, उन पर और उनके गांव की अन्य दो महिलाओं पर बेइंतहा जुल्म ढाए गए लेकिन बिसाहिन बाई ने हिम्मत नहीं हारी और आज वह प्रदेश भर में टोनही प्रताड़ना का दंश झेल रही महिलाओं के लिए प्रेरणा की संवाहक बन गई हैं। महासमुंद जिले की सरहद पर बसे गरियाबंद जिले के गांव लचकेरा में 22 अक्टूबर 2001 को एक बेहद शर्मनाक...
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