बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...
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गतिरोध कायम, हजारे नहीं चाहते अध्यक्ष पद
नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर संयुक्त समिति गठित करने की माग कर रहे भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच गुरुवार को दो दौर की वार्ता बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच जहा गतिरोध बरकरार है, वहीं आमरण अनशन पर बैठे अण्णा हजारे ने इस बात से इंकार किया है कि उन्हें संयुक्त समिति का अध्यक्ष पद चाहिए। गाधीवादी विचारक हजारे का आमरण अनशन आज तीसरे दिन...
More »आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
More »राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी
सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
More »प्रदेश की हर नदी को करेंगे पुनर्जीवित
भोपाल. राज्य सरकार दो साल में प्रदेश की ऐसी सभी नदियों को पुनर्जीवित करेगी,जो विभिन्न कारणों से सूख गई हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल सोमवार को विधानसभा में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने का अभियान रतलाम जिले की जामण नदी से आरंभ हो चुका है। भार्गव ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लागू करने के प्रशासनिक खर्च में 250 करोड़ रुपए की कमी...
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