बर्दवान : बर्दवान जिले में भातार और मंगलकोर्ट में दो किसानों की अस्वाभाविक मौत हो गयी. पुलिस के मुताबिक भातार थाना क्षेत्र के नारीग्राम में किसान सुजन घोष (29) ने गले में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने पुलिस को सूचित किया कि बोरो खेती के लिए महाजन से कर्ज लिया गया था. दूसरी ओर, मंगलकोर्ट थाने के हुरमुट गांव में एक किसान की अस्वाभाविक मौत हुई. पुलिस ने मृतक...
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मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करें: बाबा रामदेव
यवतमाल. देश की जनता दरिद्रता, बीमारी, भूख, कुपोषण से पीड़ित है। सभी तरह से बेहाल है फिर भी देश के नेताओं ने जनता को चूस-चूसकर भ्रष्टाचार के माध्यम से थोड़ा नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रु. का काला धन विदेशी बैंक में जमा कर रखा है। इस काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देश में लाना जरूरी है। इस राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग करने से देश सिर्फ बलवान ही नहीं...
More »विदर्भ राहत पैकेज में धांधली दोषियों पर कार्रवाई मुश्किल
नागपुर। किसान आत्महत्या रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विदर्भ राहत पैकेज में धांधलियां करने वाले 50 अधिकारियों को सरकार ने निलंबित करने की घोषणा कर दी है, लेकिन किन अधिकारियों को निलंबित किया जाए? यह प्रश्न सरकार के सामने खड़ा है। राज्य के सामाजिक न्यायमंत्री व पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे ने कहा कि रेड्डी कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें किसी विशेष अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है। इसलिए कुछ...
More »आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
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