नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
More »SEARCH RESULT
महंगाई के जले पर नमक; अब नमक भी होगा महंगा
दाल, चीनी, तेल, सब्जियों के बाद अब नमक भी महंगा होने वाला है। गुजरात में नमक के मैदानों के लीज का किराया 100 फीसदी तक बढ़ने की वजह से इसकी कीमतों का बढ़ना तय है। हालांकि, कंपनियां ...
More »डाक सेवक बना रहे हैं राष्ट्रीय सूचकांक
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के चुनिंदा गांवों में डाक कर्मचारियों ने अब खेतों और दुकानों से खाद्य और अखाद्य वस्तुओं के भाव एकत्रित करना आरंभ कर दिया है। पिछले तीन माह से क्रम लगातार जारी है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां से भेजे जाने वाले आंकड़ों से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना की जाती है। केंद्र सरकार ने गांवों-कस्बों में उत्पादों के असल मूल्य जानने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार...
More »अनाज की महंगाई से निपटें
यह काफी महत्वपूर्ण बात है कि देश की सबसे बड़ी चीनी रिफाइनर और एथनॉल उत्पादक कंपनी श्री रेणुका शुगर्स ने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और निर्यातक देश ब्राजील की कंपनी वीडीआई...
More »खाने-पीने की चीजें में और बढ़ी महंगाई
नई दिल्ली। खाने-पीने की चीजों की महंगाई का बढ़ना बदस्तूर जारी है। दिसंबर के पहले सप्ताह में यह करीब दशक भर के उच्चतम स्तर 19.95 फीसदी पर पहुंच गई। नवंबर के अंतिम सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 19.05 फीसदी थी। सप्ताह के दौरान सब्जियों, दाल, दूध, गेहूं और चावल के दामों में तेजी आई। रिजर्व बैंक [आरबीआई] ने इससे पहले साल के अंत तक मुद्रास्फीति की दर के पांच फीसदी तक रहने का...
More »