नयी दिल्ली, छह जनवरी (एजेंसी) बीता साल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिहाज से नवजात मृत्यु दर में गिरावट, देश में सर्वाधिक लंबे समय तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं आने और 90 साल में जनसंख्या में एक दशक में सबसे कम वृद्धि जैसी खबरों का रहा। नवजात मृत्युदर गत वर्ष घटकर 47 प्रति एक हजार जन्म रह गयी जो कि वर्ष 2009 में 50 व 2007 में 58 थी। पिछले कुछ...
More »SEARCH RESULT
कचरे से बनी बिजली दिल्ली के लिए घातक- प्रतिभा शुक्ल
नई दिल्ली, 3 जनवरी। राजधानी दिल्ली को मौत के मुहाने पर धकेला जा रहा है। यहां कचरे से बिजली बनाने के संयंत्रों को स्थापित कर उन्हें चलाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। जबकि कचरा जलाने से जहरीले रसायन डाईआक्सिन के हवा में घुलने का खतरा है जो राजधानीवासियों को घातक बीमारियों की चपेट में ला देंगे। तमाम विरोधों के बावजूद कार्य प्रगति पर है। रेजीडेंट्स वेलफेयर एजंसियों ने इस...
More »राजस्थान दलहन उत्पादन में देशभर में अव्वल
जयपुर। खेती के लिहाज से देशभर में ख्यातनाम इंदिरा गाधी नहर क्षेत्र परियोजना समेत अन्य इलाकों में दलहन की जबर्दस्त पैदावार से राजस्थान जहा एक ओर दलहन उत्पादन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथों से पुरस्कृत किया गया, वहीं प्रतिपक्ष राज्य सरकार पर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करने का आरोप लगा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार किसानों का...
More »मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
More »