धनबाद (पुटकी)। झारखण्ड सरकार के कृषि, पशुपालन व मत्सय मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने कहा है कि वे अपने कार्यो के बदौलत पूरे प्रदेश में कृषि को मुकाम देंगे। महतो शनिवार को सियालगुदरी पंचायत भवन के प्रांगण में झारखण्ड विस्थापित किसान द्वारा आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। महतो ने इस मौके पर कहा कि किसानों के लिए बननी वाली लाभकारी योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ किसानों को दिलाने के लिए जिलों में हेल्प...
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खनन पट्टों के नवीकरण पर रोक से उबाल
सासाराम। रोहतास उद्योग पूंज की बंदी की भरपाई को विकसित करवंदिया का पत्थर उद्योग संकट में है। इस उद्योग से सीधे जुड़े 50 हजार हांथों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गयी है। दो हजार करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस उद्योग से मजबूत हुई जिला की आर्थिक संरचना भी डगमगाने लगी है। आने वाली स्थिति को भाप करोड़ों की पूंजी लगाये बैंकों के हाथ-पाव फूलने लगे हैं। हाल में राज्य सरकार के बिहार लघु...
More »रायल्टी चोरी, विभाग लीपापोती के फेर में
बड़गांव. तेंदूपत्ता संग्रहण में रायल्टी चोरी करने वाले ठेकेदार,वन कर्मियों के खिलाफ ग्रामीणों ने लिखित शिकायत वन विभाग के आला-अधिकारियों से की, उसकी जांच भी हुई, शिकायत सही पाई गई। इस मामले को साल भर हो गए,अब विभाग के अधिकारी इस मामले में लीपापेाती के फेर में हैं। क्या है मामला : वर्ष 2009 में तेंदूपत्ता सीजन में पर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर के करकापाल समिति में हैदराबाद के एक ठेकेदार ने तेंदूपत्ता खरीदने का ठेका लिया था।...
More »साझा चूल्हे पर बनेगा पूरे गांव का खाना
अजमेर. मौजूदा दौर में आजकल जहां कई घरों में एक से अधिक चूल्हे जल रहे हैं वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय की योजना सफल रही तो अजमेर,भीलवाड़ा व नागौर जिले में जल्दी ही पूरे गांव का खाना एक साझा चूल्हे पर बनता नजर आएगा। गांवों में चूल्हे पर खाना बनाने के लिए लकड़ी के अत्यधिक उपयोग से वनों की धड़ाधड़ कटाई तथा बिगड़ते पर्यावरण पर अंकुश के मद्देनजर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय गांवों में जल्दी ही कम्यूनिटी किचन (साझा...
More »हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां
इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...
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