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किसी भी कीमत पर एफडीआई स्वीकार नहीं

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आज इस चेतावनी के साथ सडकों पर उतरीं कि अगर संप्रग सरकार खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल की कीमतों में वृद्धि और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी 72 घंटे की निर्धारित समय सीमा के समाप्त होने के बाद कठोर फैसले करेगी. बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘हमने इन मुद्दों पर...

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51 प्रतिशत एफडीआई को हरी झंडी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मल्टी ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को मंजूरी दे दी है.सरकार ने यह कहा है कि यह राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा कि वे इसको लागू करने के लिए मॉडलिटीज पर कैसे काम करती हैं. सरकार ने बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है. विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी की अनुमति दी है वहीं प्रसारण सेवा उद्योग...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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यह नया कितना पुराना- कुमार प्रशांत

जनसत्ता 14 अगस्त, 2012: देश को नए मंत्री मिल गए हैं। देश की गहरी समस्याओं के जनक रहे पुराने लोग नई पोशाकों में आ खड़े हुए हैं। देखते हैं तो उनके हाथों में तलवारें भी वही बाबाआदम के जमाने की हैं- कागजी! सारे देश में सूखा पड़ा है और अभी अचानक बिजली चले जाने का नया रोग भी गहरा अंधेरा बनाने लगा है। इसे अगर एक प्रतीक से जोड़ कर...

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पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी

हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...

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