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फूड सब्सिडी में सुधारों से कम होगा महंगाई का दबाव, घटेगा वित्‍तीय घाटा : मूडीज

नई दिल्‍ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि फूड सब्सिडी और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन सिस्‍टम में सुधारों से भारत का मुद्रास्‍फीतिक दबाव और राज‍कोषीय घाटा कम होगा। गत 21 जनवरी को सरकार की एक समिति ने फूड सब्सिडी और वितरण सिस्‍टम में सुधार के संबंध में अपने सुझाव दिए हैं। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, समिति की ओर से नीतिगत स्‍तर पर सुधार की जो सिफारिशें की गई हैं, उनसे भारत...

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दावोस में दिखा बदलता भारत- तवलीन सिंह

दावोस के बाजार में उस रेस्टोरेंट में, जो पिछले वर्ष तक 'अड्डा' था भारतीयों का, इस वर्ष कांच की खिड़की पर एक बड़े शेर की तस्वीर बनी हुई है, जिसके ऊपर लिखा है- मेक इन इंडिया। इसके इशारे स्पष्ट हैं। एक बार फिर भारत के द्वार निवेशकों के लिए खुल गए हैं। दावोस में यह संदेश देना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां दुनिया के सबसे बड़े निवेशक मौजूद थे।...

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चीन की विकास दर पिछले 24 साल में सबसे कम

बीजिंग। साल 2014 में चीन की विकास दर 7.4 प्रतिशत रही जो आधिकारिक लक्ष्य के मुकाबले कम और पिछले 24 साल का न्यूनतम स्तर है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की सरकार ने मंगलवार को विकास दर के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में 7.4 प्रतिशत इजाफा हुआ, जो लक्ष्य से बहुत कम है। चीनी सरकार ने 7.5 प्रतिशत आर्थिक विकास दर का लक्ष्य रखा था।...

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भारत की वृद्धि दर 2016 में चीन की वृद्धि से आगे निकल जायेगी : आइएमएफ

वाशिंगटन : भारत की वृद्धि दर इस साल 6.3 प्रतिशत और 2016 में 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. उस समय यह चीन की अनुमानित वृद्धि दर को पार कर सकती है. यह बात आज अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कही. आईएमएफ ने हालांकि, नई सरकार के सुधारों को उम्मीद जगाने वाला बताया लेकिन कहा कि इनका कार्यान्वयन अहम् होगा. आईएमएफ द्वारा जारी वैश्विक आर्थिक रपट में कहा गया कि भारत की...

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बैंकों की दशा सुधारने की कवायद- धर्मेंन्द्रपाल सिंह

देश की अर्थव्यवस्था से आजकल अजीब इशारे मिले हैं। बीते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसद गिरा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है, लेकिन देशी-विदेशी पूंजीपति नया निवेश करने से कतरा रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमारा देश ‘बैलेंस शीट रिसेशन' के...

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