झाबुआ। झाबुआ के आधा दर्जन गांवों में कुपोषण व बीमारियों से तीन माह में हुई 43 बच्चों की मौत ने झाबुआ से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। प्रशासन व प्रदेश सरकार जहां इन मौतों से पल्ला झाड़ एक सिरे से नकार रही है। वहीं यह मामला यूनिसेफ व संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजने से केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा...
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कंधे पर रायफल और हाथों में हल
बक्सर [दिलीप कुमार]। 70 के दशक के मध्य में देश में अनाज की कमी को पूरा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इस नारे ने देश में ऐसा जोश भरा कि हर शख्स सीमा की रक्षा और धरती मां की सेवा में अपना योगदान देने को आतुर हो उठा। नई पीढ़ी भले ही इस नारे को भूल चुकी हो, लेकिन बक्सर के...
More »अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला
नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...
More »पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
More »नक्सली घटनाओं से थर्राता रहा छत्तीसगढ़
रायपुर। बहुमूल्य खनिज संपदा्र हरे भरे वनों और सीधे सरल आदिवासियों वाला छत्तीसगढ़ राज्य इस साल भी नक्सली घटनाओं से थर्राता रहा। राज्य में नक्सली साल भर उत्पात मचाते रहे और इस दौरान उन्होंने यहां के काबिल पुलिस अधीक्षक समेत 235 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि अब केन्द्र के सहयोग से राज्य नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान शुरू करने की स्थिति में है। नक्सल समस्या के कारण 44 फीसदी वनों...
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