गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़गुजरात के...
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छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
More »आरक्षण पर लगातार बढ़ती उलझनें - डॉ एके वर्मा
गुजरात के पाटीदार या पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन ने देश को एक बार फिर पच्चीस वर्ष पीछे धकेल दिया। 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और देश में आरक्षण 22.5 फीसदी से बढ़कर 49.5 फीसद हो गया, क्योंकि अनुसूचित जाति/जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए भी 27 फीसदी आरक्षण का कानून बन गया। देश-समाज जल उठा और जातीय आधार पर एक गहरी विभाजन...
More »सरकारी रक्तदान शिविर में सामने आई युवाओं के स्वास्थ्य की हकीकत
जयपुर। भाजपा के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सरकार की ओर आयोजित रक्तदान शिविरों में युवाओं के स्वास्थ्य की हकीकत सामने आ गई। राजथान के डूंगरपुर जिले में 90 प्रतिशत युवक कम वजन और अनीमिया यानी रक्त अल्पता के शिकार मिले तथा रक्तदान नहीं कर पाए। राजस्थान सरकार ने इस बार दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर राजस्थान के सभी सरकारी कॉलेजों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया था। इन शिविरों में...
More »सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना मधुमक्खी पालक
अमेरिका में नौकरी का ऑफर छोड़ कृष्णकांत ने चुना मिट्टी से जुड़ना किसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मधुमक्खीपालक बनना, सुनने में कुछ अजीब लगता है़ लेकिन यह सच कर दिखाया है तमिलनाडु के कृष्ष्णकांत ने़ इन्होंने विप्रो की नौकरी छोड़ कर अपने गांव में मधुमक्खीपालन का व्यवसाय शुरू किया़ आज वे इस क्षेत्र में नवोन्मेष कर, शहद की यूनिफ्लोरल किस्में विकसित कर रहे हैं. आखिर यह सब कैसे हुआ...
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