पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
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आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
More »स्कूली बच्चे और सियासत...
लखनऊः प्रदेश में इस बार शिक्षक दिवस पर स्कूली बच्चों की बिसात पर सियासत भी होगी. भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) इसे लेकर आमने सामने हैं. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की पहल पर अखिलेश सरकार ने पांच सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण स्कूलों में दिखाए जाने की व्यवस्था तो कर दी है, पर इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की तमाम योजनाओं और उपलब्धियों को भी...
More »ओझल आदिवासी समाज- विनोद कुमार
जनसत्ता 26 अगस्त, 2014 : आदिवासी समाज के बारे में इधर हमारी दृष्टि बदली है। बावजूद इसके आदिवासी बहुल इलाकों के बाहर आदिवासी समाज के बारे में अब भी एक कौतूहल का भाव रहता है। इस परिप्रेक्ष्य में यह जानना दिलचस्प होगा कि गैर-आदिवासी समाज आज भी आदिवासी समाज को किस रूप में देखता है। राजनेताओं की नजर में आदिवासी समाज की अहमियत क्या है, इसे हम कुछ उदाहरणों से...
More »वंचित तबके के हक पर डाका डालने वाले- सुभाष गताडे
अनुसूचित तबकों के छात्रों को दी जा रही छात्रवृत्ति जारी करने में विलंब के चलते लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। पिछले दिनों राज्यसभा में शून्यकाल में इसी मसले को बसपा के एक सांसद ने उठाकर सदन का ध्यान खींचने की कोशिश की थी। संविधान के अंतर्गत अनुसूचित तबकों को दिए गए आरक्षण के बावजूद समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से इन तबकों के छात्रों की पढ़ाई...
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