-द प्रिंट, शिक्षा राज्य मंत्री (एमओएस) सुभाष सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 300 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत कोविड-19 के कारण हुई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी शिक्षक की मौत ‘कोविड ड्यूटी’ के दौरान नहीं हुई. उन्होंने इस संबंध में राज्य से संबंधित डेटा साझा नहीं किया. सुभाष सरकार संसद में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार...
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मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी
-न्यूजक्लिक, लोकसभा ने सोमवार को निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसमें मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दी थी। इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव...
More »बढ़ती महंगाई से कोई अछूता नहीं, इस पर लगाम जरूरी
-रूरल वॉइस, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर थोक बाजारों में मुद्रास्फीति की दर नवंबर में 14.23 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा है । यह स्थिति देश के नीति विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार बहुत बडा झटका देने वाली है लेकिन इस स्थिति से वास्तव मे नीतिनिर्धारक कितने चिंतित है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। पिछले आठ महीने से मुद्रास्फीति दहाई में बनी हुई...
More »उत्तर प्रदेश: मंडियों की कमाई में आई 770 करोड़ रुपए की कमी, विवादित कृषि कानून बना प्रमुख कारण
-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि बीते साल मंडी शुल्क में भारी कमी आई है. जवाब के मुताबिक जहां 2019-20 में मंडी शुल्क के रूप में 1390.60 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, वहीं 2020-21 में घटकर 620.81 करोड़ रुपए हो गया. मंडी शुल्क में आई इस कमी की एक वजह केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन विवादित कृषि कानूनों में से एक कृषि...
More »जीरो बजट खेती वह रोमांटिक गाना है, जिसे किसान चाह कर भी गा नहीं सकते
-द प्रिंट, जीरो बजट खेती का मूल मंत्र यह है कि यदि किसान अपने ही खेत में मेहनत कर रहा है तो उसकी दैनिक मजदूरी का कोई मूल्य नहीं है. प्रत्यक्ष रूप से तो उसे वैसे भी कुछ नहीं मिलता लेकिन जीरो बजट में सरकार कागज पर भी इसे जीरो ही मानेगी. नीति आयोग में बैठे नीति नियंता देश के किसान के बारे में उससे भी ज्यादा जानते हैं और यही तथ्य...
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