भागलपुर। मंगलवार की देर रात आये तूफानी हवा ने कोसी व सीमांचल क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई। पूर्णिया जिले में जहां तेज हवा एवं साथ मूसलाधार बारिश में पांच हजार से ज्यादा मकान ध्वस्त हो गये जिसमें 41 लोगों के मरने की सूचना है। जिला प्रशासन अब तक 29 लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर रहा है। वहीं अररिया जिले के विभिन्न गांवों में 41 जिदंगियां निगल लीं तथा लगभग डेढ़ सौ लोग जख्मी...
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धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »15 लाख किसानों के फसलों का 173 करोड़ रुपए का बीमा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों में 15 लाख से भी ज्यादा किसानों के फसलों का बीमा कराया गया है, जिसमें से दो लाख किसानों को 68 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति मिली है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्ताीसगढ़ में पिछले दो सालों में यहां के 15 लाख 25 हजार किसानों के रबी और खरीफ की फसलों का 173 करोड़ 46 लाख रुपए से अधिक राशि का बीमा कराया गया है।...
More »राज्य में 16.32 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्तमान रबी मौसम में अभी तक 16.32 लाख हेक्टेयर रकबे में रबी फसलों की बुवाई पूरी हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि चालू रबी मौसम के दौरान छत्तीसगढ़ में अब तक 16 लाख 32 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं, चना, मटर, सरसों और अलसी सहित रबी की विभिन्न फसलों की बुवाई पूरी हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस...
More »का बरखा जब कृषि सुखाने
रामगढ़ [कैमूर]। जनप्रतिनिधियों की नजरअंदाजी तथा शासन-प्रशासन के आला अफसरों की कथित तुगलकी नीतियों के चलते कैमूर जिले के रामगढ़ क्षेत्र के किसानों पर, ..का बरखा जब कृषि सुखाने वाली कहावत एकदम सटीक बैठ रही है। किसानों को जब दरकार थी तब पानी छोड़ा ही नहीं गया और अब जब कृषि कार्य के लिए आवश्यकता नहीं तो नहर में पानी ही पानी दिखने लगा। खून पसीना एक करके किसानों ने किसी तरह गेहूं की...
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