क्या इस देश को एक नए नारे की जरूरत है? मेरे हिसाब से यह नारा इस तरह हो सकता है-एक विवेकशील भारत। डिजिटल इंडिया और इनोवेटिव इंडिया जैसे नारे तो देश को प्रेरित करते ही रहेंगे, लेकिन इसके समानांतर देश में जो कुछ हो रहा है, उसकी अनदेखी करना बहुत खतरनाक होगा। एक तरफ तो हम लगातार आधुनिकता, विज्ञान और वैश्वीकरण की बातें करते हैं। दूसरी ओर, हमारी जनसंख्या का...
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36 में से 23 सबडिविजन में कम हुई बारिश, कर्नाटक और तमिलनाडू में सूखे जैसे हालात
जुलाई के दौरान मानसून की कम बरसात का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले करीब 13 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है। साथ ही पिछले हफ्ते देश की 36 में से 23 सब डिविजन में सामान्य या सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडू में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। मौसम...
More »30 साल के सबसे बड़े सूखे जैसे हालात, घट सकती है GDP की ग्रोथ रेट
नई दिल्ली। अल नीनो की वजह से कमजोर होते मानसून ने देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लगातार दूसरे साल फसलों के लिए मौसम प्रतिकूल हो गया है। इसका सीधा असर प्रोडक्शन से लेकर इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि करीब 30 साल बाद लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इकोनॉमिस्ट के अनुसार अगर स्थिति...
More »क्लाइमेट चेंज की चपेट में छत्तीसगढ़, जल संकट और सूखे की मार
संदीप तिवारी, रायपुर। विकास के नाम पर जंगलों की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण और उद्योगों के प्रदूषण ने पर्यावरणीय संतुलन बिगाड़ दिया है। नतीजतन जलवायु परिवर्तन के कारण छत्तीसगढ़ में जलसंकट के साथ सूखे का खतरा मंडराने लगा है। इस साल बारिश कम होने से त्राहि-त्राहि मची है। आने वाले सालों में बारिश कम होने से अकाल पड़ने की चेतावनी दी गई है। तापमान बढ़ने से वन्य प्राणियों व आम आदमी...
More »देश के 42 फीसदी हिस्से पर पड़ सकती है सूखे की मार
देश में इस बार मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 11 फीसदी कम हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार देश के कई इलाकों में सूखे की स्थिति है. अगस्त महीना खत्म होने जा रहा है और उत्तर भारत समेत दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसून की बारिश में कमी चिंताजनक स्तर पर है. बारिश की कमी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि...
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