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एक साल में कितना बदला देश- मनीषा प्रियम

एक साल पहले दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने देश-दुनिया को झकझोर दिया था। तब से अब तक यह देश कई राजनीतिक-सामाजिक बदलावों का गवाह रहा है। ‘बिटिया’ के बलिदान ने ऐसा मंच तैयार किया, जहां देश की राजनीति और उसके निजी एवं बाह्य अंतर्विरोधों पर खुलकर बहस हुई है। वह एक अमानवीय और हृदय विदारक घटना थी। लेकिन उस घटना ने देश में परिवर्तन...

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देश के स्कूलों में ड्रापआउट बड़ी समस्या

भारत की स्कूली शिक्षा में बहुत बड़ी समस्या ड्रॉप-आउट की है. जितने बच्चे गांव शहर समाज में हैं, एक तो सभी स्कूल आते नहीं हैं, उतने स्कूली शिक्षा समाप्त नहीं कर पाते हैं. अनेक कारणों से काफी बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. वे ड्रॉपआउट कर जाते हैं. इन ड्रॉप आउट करनेवाले बच्चों में लड़कियों की संख्या अनुपात से अधिक है व प्रगति की इच्छा रखनेवाले समाज के लिए चिंता का...

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अब निजी स्कूलों में भी मिड डे मील

रांची: देश के निजी स्कूलों में भी अब मध्याह्न् भोजन दिया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. भारत सरकार की मध्याह्न् भोजन योजना के निदेशक गया प्रसाद ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. रांची में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा : फिलहाल देश के 196 जिलों में योजना शुरू की जायेगी. इसके तहत एससी, एसटी व अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चिह्न्ति किया गया है. झारखंड में फिलहाल...

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तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान

जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 :  तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...

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न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय

जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...

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