हमारी लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के चार स्तंभ हैं। विधानपालिका यानी संसद, कार्यपालिका यानी सरकार, न्यायपालिका यानी अदालत और खबरपालिका यानी अखबार और टीवी-रेडियो चैनल! क्या ये चारों स्तंभ अपना-अपना काम सही-सही कर रहे हैं? ये सब काम तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके काम-काज में कोई बुनियादी कमी आ गई है कि या तो एक स्तंभ का काम दूसरे से लिया जा रहा है या कोई स्तंभ...
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पंचायतों में सुधार का आधार-- गौरव कुमार
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान को अनिवार्य करने संबंधी कानून के बाद अब राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए एक नया कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने पिछले दिनों एक अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी। इसके अनुसार सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास और अधिसूचित क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए पांचवीं पास होना जरूरी...
More »बिहार में भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त करने की मुहिम होगी तेज
भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त करने की मुहिम अब तेज होगी। संपत्ति जब्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद निगरानी विभाग का हौसला बढ़ा है। आय से अधिक संपत्ति मामले में पकड़े गए अधिकारियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। संपत्ति जब्त कराने के लिए निगरानी विभाग अदालतों से गुहार लगाएगा। विशेष निगरानी इकाई में अभी तक डीए केस के 12 मामले दर्ज किए हैं इनमें अधिसंख्य मामले...
More »केंद्र ने आंगनबाड़ी के लिए नहीं दिया पूरा अनुदान : डॉ पांजा
कोलकाता. राज्य की महिला व सामाजिक कल्याण मामलों की मंत्री डॉ शशि पांजा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आंगनबाड़ी (आइसीडीएस) परियोजना में दूसरी तिमाही में 1000 करोड़ रुपये देना था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से मात्र 347 करोड़ रुपये दिये गये हैं. उन्होंनेे कहा कि अांगनबाड़ी कर्मियों को कोई वेतन नहीं मिलता है, वरन पारिश्रमिक मिलता है. उनके लिए पेंशन का कोई प्रावधान नहीं...
More »संविधान की भावना को भी समझें-- योगेन्द्र यादव
अदालतों के आदेश की आलोचना से मैं अकसर परहेज़ करता हूं। इसलिए नहीं कि अदालत का आदेश हमेशा सही लगता है। इसलिए भी नहीं कि अदालत की अवमानना डराती है। बल्कि इसलिए कि लोकतंत्र के खेल में किसी रेफ़री के आदेश का सम्मान तो करना पड़ेगा। रेफ़री मेरी पसंद का आदेश दे तो उसे सर -आंखों पर बैठाऊं, नहीं तो उसे आंखें दिखाऊं-ऐसे तो नहीं चल सकता। इसलिए कई बार...
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