-डाउन टू अर्थ, भारत ने जब टीकाकरण अभियान के लिए योजना बनाई थी, तब बहुत मामूली लक्ष्य तय किया था। भारत सरकार ने 28 दिसंबर, 2020 को कोविड-19 वैक्सीन के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइन जारी की थी, ताकि बगैर किसी बाधा के टीकाकरण को लागू किया जा सके। हालांकि, किसी समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया गया था और जो कुछ कहा गया था, उसमें शामिल था कि जो भी व्यक्ति वैक्सीन के...
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कोविड संकट: ज़िंदा लोग इंतज़ार कर रहे हैं, लाशें पूछ रही हैं देश का इंचार्ज कौन है
-द वायर, लोग हैं कि मरे जा रहे हैं, और वे अपने स्थानीय विधायक, सांसद, नेता, पन्ना प्रमुख, फलाने-ढिमकाने को फोन, संदेश, वॉट्सऐप पर गुहार लगा रहे हैं, जिनके मुनासिब जवाब किसी के पास नहीं हैं. एक तरह की बेबसी और जिसे बायर्स रिमोर्स (ख़राब सौदा करने का पछतावा) उन लोगों में साफ दिखलाई दे रहा है, जो अभी तक नरेंद्र मोदी की तमाम नादानियों, नाकामियों, गलतियों और जनविरोधी क्रूरताओं को अनदेखा...
More »दूसरी लहर ग्रामीण जीवन पर कहर बरपा रही है, क्या यह ग्रामीण आजीविका को भी प्रभावित करेगी?
इस साल मार्च के बाद से हर रोज कोविड-19 के नए मामलों और मौतों में वृद्धि होने के बाद मीडिया ने रिपोर्ट (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) किया कि प्रवासी कामगार अपने प्रवास स्थलों से मूल स्थानों (यानी मूल स्थानों) पर वापस लौट रहे हैं. शहरों और बड़े औद्योगिक कस्बों में जहां समाज के हाशिए के वर्गों से अनौपचारिक और कम कुशल श्रमिक मौसमी रूप से प्रवास करते हैं,...
More »'हम कोरोना से बच भी गए तो ग़रीबी से मर जायेंगे' : जम्मू-कश्मीर के कामगार लड़ रहे ज़िंदा रहने की लड़ाई
-न्यूजक्लिक, जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के विस्तार ने श्रमिक वर्ग के परिवारों के लिए अभूतपूर्व दुख पैदा किया है जो बस खाने भर का कमा पाते हैं। लॉकडाउन ने ऑटो रिक्शा चालकों, टैक्सी चालकों, शिकारा (हाउस बोट) के मालिकों, हस्तकला श्रमिकों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और संविदाकर्मियों को छोड़ दिया है, जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जैसा कि वे अपने घरों में सीमित रहते...
More »महामारी संकट : समुदाय आधारित भागीदारी बढ़ाने की जरूरत
-आउटलुक, महामारी की दूसरी लहर में पूरे देश में समुदाय सबसे अधिक व्यवहारिक (लचीली) संस्था के रूप में उभरे हैं। भारतीय परंपरा, मूल्य और सांस्कृतिक ताकत ने नई ऊर्जा और नए समूहों को स्वत: रूप से हम सबके सामने मदद के लिए लाकर खड़ा कर दिया है । इन सामुदायिक कार्यों ने ही समाज को राज्य और बाजार की विफलता से निपटने में सक्षम बनाया है। हालांकि इस बीच विभिन्न चिकित्सा...
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