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भारत की न्यायपालिका के लिए 2019 क्यों एक भुला देने वाला साल है

यदि भारत की कोई संवैधानिक संस्था 2019 की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहेगी, तो वो है न्यायपालिका. वैसे तो भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन हाल के वर्षों में खराब ही रहा है, फिर भी 2019 ने इसके अपयश में कई नए पन्ने जोड़े हैं. न्यायपालिका संवैधानिक नैतिकता और वैधता के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के उपेक्षा भाव का खामियाजा झेल रहे लोगों के पक्ष में खड़े होने में विफल रही है. और...

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सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों को सांप्रदायिक रंग क्यों दे रही है बिजनौर पुलिस?

मंगलवार दोपहर के दो बज रहे हैं. बीते शुक्रवार यानी 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नहटौर इलाके में हुए विवाद और दो हत्याओं के पांच दिन बाद धीरे-धीरे बाज़ार खुलने लगे है. नहटौर मार्केट में हल्की-फुल्की चहल-पहल देखने को मिलती है. विवाद के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई की दहशत से घर छोड़कर चले गए लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों को लौटने लगे हैं. हालांकि अभी भी...

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यूपी: अयोध्या प्रशासन ने अशफ़ाक़उल्ला ख़ां की पुण्यतिथि पर सभी श्रद्धांजलि समारोह रोके

फैज़ाबाद: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की आशंका से डरे अयोध्या के जिला व जेल प्रशासन ने एक अप्रत्याशित व उत्साहपूर्ण कदम उठाकर वहां जेल परिसर स्थित अशफाकुल्ला खां की शहादत स्थली पर 19 दिसंबर यानी शहादत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सभी श्रद्धांजलि सभाओं और कार्यक्रमों की मेजबानी की। पर रोका लगा दी है। आम लोगों के लिए वहाँ पहुंचकर शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण या श्रद्धासुमन अर्पण करने...

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नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस: झूठ का भ्रमजाल

संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विविध प्रतिक्रयाएं सामने आईं हैं, जिनमें से कई नकारात्मक हैं. एक ओर जहाँ उत्तरपूर्व में इस नए कानून का भारी विरोध हो रहा है, जिसमें कई लोगों की जानें जा चुकीं है, वहीं इससे संविधान में आस्था रखने वालों और मुसलमानों में गंभीर चिंता व्याप्त हो गयी है. यह कानून पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के ऐसे हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन...

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जामिया: हर छात्र के पास है पुलिस की बेरहमी की एक कहानी

रविवार शाम सात बजे जब हम आश्रम से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बीच लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय कर रहे थे तब रास्ते में हमें ऐसे कई निशान दिखे जो बताते थे कि यहां कुछ बहुत बुरा घटा है. सड़कों पर बिखरे हुए कांच के टुकड़े, ईंट-पत्थर, दिल्ली परिवहन निगम की जली-अधजली बसें, टूटे दोपहिया वाहन पूरे रास्ते में फैले थे. कुछ को प्रशासन द्वारा रास्ते से...

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