भयंकर गर्मी और गर्म हवाएं लोगों के लिए आफत बन कर आई है। भयंकर गर्मी ने तेलंगाना में 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। इस बात की जानकारी तेलंगाना के राज्य आपता प्रबंधन विभाग ने दी है। गर्मी से हुई मौतों की पुष्टि राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई तीन सदस्यीय समिति ने की है। तेलंगाना के नलगोंडा जिले में सबसे ज्यादा 90 लोगों की मौत...
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80 करोड़ की लागत से हाईटेक होंगे छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय
विशेष संवाददाता। नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय अब हाईटेक होंगे। नेशनल हाईड्रोलाजी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र ने प्रदेश के सारे जलाशयों को हाईटेक तकनीक से लैस करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पूरी राशि केंद्र ही देगा। इसके बाद जलाशयों से जुड़ी प्रत्येक गतिविधियों को अपने आप ही कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाएगा। जरूरत होने पर सिस्टम अलर्ट भी जारी...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »इंद्र भरोसे खेती, पर कब तक--- बिभाष
हरित क्रांति के मसीहा डॉ नॉर्मन बोरलॉग ने साठ के दशक में बौनी प्रजाति के अधिक उपज वाले गेहूं की ईजाद की. सभी देशों की तरह भारत में भी उस गेहूं की खेती शुरू की गयी. बौनी प्रजाति के गेहूं ने उस वक्त की राजनीति गढ़ने का भी काम किया, जिस पर बहस और शोध होना चाहिए. देखते-देखते गेहूं की उपज दूनी हो गयी. सन् 1959-60 में जो गेहूं...
More »अदालतों में तारीख पर तारीख, सौ साल से एक केस में दांव-पेंच
रायपुर (निप्र)। अदालतों में जजों की कमी और मामलों के निपटारे में देरी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जमीन-जायदाद के छोटे-मोटे विवाद में सौ बरस में फैसला नहीं हो पाना बड़ी बात है। हालात यह हैं कि अदालतों में ऐसी-ऐसी कानूनी दांव-पेंच और उलझनें हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी मामले चल रहे हैं और नतीजे नहीं निकल पा रहे हैं। अदालत के तारीख पर तारीख के चक्कर में राजधानी...
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