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एक अरब मोबाइलों का देश

भारत के लिए नया साल अच्छी खबर लेकर आया है कि देशभर में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर सौ करोड़ तक जा पहुंची है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश के लिए निश्चित रूप से यह अच्छा संकेत है कि मोबाइल फोन की बिक्री के मामले में उसने कई देशों को पीछे छोड़ दिया है। इस मामले में वह सिर्फ चीन से ही पीछे है जहां दुनियाभर का सबसे...

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भारत, नरेंद्र मोदी और गुजरा साल-- आकार पटेल

2015, उम्मीदों से लबालब होने के साथ कुछ हैरान करनेवाला भी वर्ष रहा. भारतीय क्रिकेट टीम जहां विश्व क्रिकेट के क्षितिज पर एक शक्ति के रूप में उभरी, तो शेयर बाजार लगभग वहीं खड़ा है, जहां वह मई 2014 के अंत में था. वैसे एयर इंडिया, ऊर्जा व परिवहन क्षेत्रों में सरकार की नीतियां रंग लायी. बिहार चुनाव में भाजपा की हार के बीच व्यक्तिगत तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी...

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'भारत की वृद्धिदर अनुमान में संशोधन कर सकता है विश्वबैंक'

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को संकेत दिया कि विश्वबैंक भारत के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में संशोधन कर सकता है जबकि वह अगले महीनों में स्थिति की समीक्षा करेगा। कौशिक के अनुसार जीएसटी विधेयक को संसद में पारित करवाने में केंद्र की विफलता का असर वृद्धि दर अनुमान पर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि जनवरी की समीक्षा में भारत के लिए वृद्धि दर अनुमान में...

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प्रदूषण से जंग लड़ती एक राजधानी-- अनिल आजाद पांडेय

दिल्ली की तरह ही चीन की राजधानी बीजिंग भी प्रदूषण से परेशान है। चीन सरकार को पहली बार वायु गुणवत्ता पर रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद केजरीवाल सरकार ने निजी कारों के लिए सम-विषम फॉर्मूला अपनाने की योजना तैयार की है। शायद यह पहला मौका है, जब भारत में वायु प्रदूषण की समस्या को इतनी गंभीरता से लिया गया है। लेकिन लगभग...

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जलवायु न्याय की डगर पर-- एन के सिंह

रॉबर्ट स्वान की इस पंक्ति को याद करना जरूरी है- यह सोच हमारी पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा है कि कोई दूसरा इसे बचा लेगा। कई वैज्ञानिक रिपोर्ट यह इशारा करती हैं कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के मौजूदा खतरे की वजह मानवीय गतिविधियां हैं, इसलिए इससे निपटने की जवाबदेही भी मनुष्यों की ही होनी चाहिए। बान की मून के शब्दों में- जलवायु परिवर्तन किसी सीमा से बंधा...

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