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‘न कोई बैठक हुई, न हमें जमीनों की जानकारी दी गई’: राम मंदिर के ट्रस्टी

-न्यूजलॉन्ड्री,  6 फरवरी, 2020 में भारत सरकार ने राम मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के नामों की घोषणा की थी. मणिराम दास की छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास इसके अध्यक्ष बनाए गए. ट्रस्ट के निर्माण के 16 महीने में इसके सदस्यों की सिर्फ चार बार बैठकें हुई हैं. भाजपा नेता और ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, ‘‘ट्रस्ट की बैठक में मोटी-मोटी बातें आती...

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कुंभ 2021: क्या नेताओं के लिए ग्रहों की चाल आम ज़िंदगियों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है

-द वायर, कुंभ मेला हर बारह साल पर होता है. हरिद्वार का पिछला कुंभ 2010 में हुआ था. हरिद्वार के वर्तमान कुंभ मेले की वास्तविक तारीख 2022 थी, 2021 नहीं. फिर इसकी तारीख को पूरे एक साल घटाकर इसका आयोजन उस जानलेवा साल में क्यों हुआ, जब भारत में कोविड की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही थी, और जब महामारियों के अध्ययन हमें बताते हैं कि संक्रमणों की दूसरी लहर हमेशा...

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भारतीय आर्किटेक्चर के लिए अलग-अलग विषयों के समायोजन का वक़्त?

-न्यूजक्लिक,  सभी तरह के मानवीय ज्ञान की तरह, स्थापत्य कला भी मानवीय सीखों को एक करने की कोशिश करता है। एडवर्ड ओ विल्सन की शब्दावलियों का इस्तेमाल करें, तो नई संसद और सेंट्रल विस्टा, राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या मस्जिद और नव भारत उद्यान व प्रतिष्ठित संरचना, यह चार परियोजनाएं अलग-अलग विषयों की समग्रता का एक अहम मौका हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इन इमारतों में भारतीय स्थापत्य को दोबारा परिभाषित...

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भारत और भारतीयों की ज़िंदगी में क्या चल रहा, ये बिहार के चुनाव नहीं बताते

-द प्रिंट, पिछली बार दिप्रिंट हिन्दी के अपने इस स्तंभ में मैंने लिखा था कि बिहार विधानसभा के चुनाव को लेकर मेरे मन में क्यों उत्साह की कोई लहर नहीं उठ रही. मेरे लिखे पर पहली प्रतिक्रिया दिप्रिंट की ओपिनियन एडिटर रमा लक्ष्मी की आई. उन्होंने मुझे चिट्ठी में लिखा: एक सेफेलॉजिस्ट के रूप में आपके लिए ये सब लिखना बहुत तकलीफदेह रहा होगा. ये बहुत कुछ वैसा ही है जैसे...

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समाज सुधार से टकराती राजनीति-- नीरजा चौधरी

नए साल की इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीते तीन महीनों में 10 से 50 वर्ष की महिलाएं केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थीं। जिन महिलाओं ने मंदिर में घुसने की कोशिशें कीं, उन्हें जबरन रोक दिया गया था। मगर बुधवार को अहले सुबह इस उम्र की दो महिला श्रद्धालु भगवान अयप्पा की पूजा करने में सफल रहीं...

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